चंडीगढ़. सेक्टर-15 में रहने वाले छात्र विनीत और अजय की हत्या में पुलिस के सामने आ चुका है कि हत्या आशु नैन की करनी थी और बीए का छात्र अंकित नरवाल ही उसे मारना चाह रहा था। उनको पुख्ता जानकारी थी कि आशु नैन सेक्टर-15 के मकान नंबर 3556 के टॉप फ्लोर पर मौजूद है। हालांकि, आरोपियों के आने से आधा घंटा पहले आशु निकल गया था। उन्होंने अजय और विनीत की गोलियां मारकर हत्या कर दी।
जांच में सामने आया है कि कातिल काले रंग की हरियाणा नंबर की वरना कार और एक पोलो कार में आए थे। कुछ मेन रोड पर ही अपनी कार पार्क करके खड़े थे और बाकी पैदल आए। अंकित नरवाल के पास काले रंग की वरना कार है, इसी कारण पुलिस को अंदेशा है कि कत्ल उसी के इशारे में हुआ। हालांकि, वह खुद गोलियां चलाने वालों में था या नहीं, यह खुलासा नहीं हो सका है। अंकित अभी फरार बताया जा रहा है। पुलिस टीम उसे दबोचने के लिए गोहाना स्थित उसके गांव रवाना हुई। वह घर से भी फरार है।
वारदात के वक्त कमरे में मौजूद छात्र मोहित को पुलिस ने चश्मदीद गवाह मानते हुए उसकी शिकायत पर ही एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस उसकी सुरक्षा का भी बंदोबस्त करवा रही है। ताकि उसे कोई नुकसान न पहुंच सके। इससे पहले आशु ने भी सेक्टर-49 में हुई विशाल चिल्लर के कत्ल में पिछले महीने ही गवाही दी थी। उसके बाद से उसकी अंकित नरवाल से अनबन चल रही थी और उसे जान का खतरा हो रखा था।
बताया गया कि आशु एक जगह ज्यादा देर नहीं रुकता था। चूंकि वह जानता था कि उस पर हमला हो सकता है। पुलिस ने वीरवार को आशु नैन से भी काफी देर तक पूछताछ की है।
पोस्टमार्टम करवा शव सौंपे
दूसरी तरफ दोनों मृतकों के शव का मेडिकल बोर्ड ने वीरवार को पोस्टमाॅर्टम किया। दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए। विनीत दो बहनों का इकलौता भाई था और पिता हरियाणा पुलिस में है। जबकि अजय का एक बड़ा भाई है, जिसकी हाल ही में शादी हुई थी। बुधवार रात 9.55 मिनट पर सेक्टर-15 के मकान नंबर 3556 में घुसकर चार अज्ञात हत्यारों ने दो दिन पहले ही कमरे में किराए पर रहने आए अजय और विनीत की 9 गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। कमरे में मौजूद तीसरा युवक मोहित किसी तरह बच गया।
आशु और अंकित में हुई थी 12 दिसंबर को डीएवी में मारपीट
जांच में सामने आया है कि विशाल मर्डर केस में गवाही देने के बाद 12 दिसंबर को आशु और अंकित की डीएवी कॉलेज कैंटीन के पास मारपीट हुई थी। मामला पुलिस तक पहुंचा था, आपसी राजीनामा होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं की थी।
अगर मैं दिख जाता तो वे मुझे भी मार देते…
कमरे में मौजूद तीसरे युवक मोहित ने कहा कि विनीत ने दरवाजा खोला। खोलते ही 4 लड़के अंदर घुसे। दो के हाथ में पिस्टल थी। अजय कुछ दूरी पर खड़ा था। मैं रजाई में लेटा हुआ था। पिस्टल देख मैंने रजाई ओढ़ ली। उन लड़कों ने कहा कि ‘आशु नैन कड़े सै। विनीत ने जवाब दिया कि ‘वह यहां नहीं है’। उन लड़कों ने कहा ‘यो भी उनके साथ सै के। बस इतने में उन्होंने पहले विनीत और फिर अजय को गोलियां मारनी शुरू कर दी। मैं तो चुपचाप रजाई लेकर दुबका रहा। अगर मैं उन्हें दिख जाता तो मुझे भी मार देते।