चंडीगढ़: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बुधवार से पूरी तरह प्रभावित होने की आशंका है, क्योंकि सरकारी डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग के बीच जारी गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा। विभाग के नियंत्रण में होने के दावों के उलट, दो दिवसीय हड़ताल के दौरान ओपीडी, पोस्टमार्टम और एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा।
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMSA) से जुड़े डॉक्टरों ने मंगलवार को घोषणा की कि बुधवार से वे सरकारी अस्पतालों में प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं को पूरी तरह बंद कर देंगे। इससे सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
HCMSA के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा, “सरकार की ओर से बातचीत या वार्ता का कोई प्रस्ताव नहीं आया है, जबकि एसोसिएशन ने कई बार अपील की है। ऐसे में आज राज्य एक्शन कमेटी की बैठक कर आगे की रणनीति तय की गई है। हमारी मांगें पूरी होने या वार्ता के जरिए सहमति बनने तक सेवाएं बंद रहेंगी।” उन्होंने दोहराया कि हड़ताल उनका उद्देश्य नहीं है और वे समाधान के लिए हमेशा संवाद को तैयार हैं।
डॉक्टर्स अपनी एसीपी (अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) के पद पर सीधी भर्ती से जुड़ी मांगों को लेकर विरोध में हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री द्वारा सहमति दिए जाने के बावजूद यह मामला अब भी अटका हुआ है।
उधर, स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि हालात नियंत्रण में हैं। एक उच्च अधिकारी ने बताया, “ईएसआई डॉक्टर पोस्टमार्टम और एमएलसी कर सकते हैं। सीनियर रेजिडेंट्स आपातकालीन ओपीडी और आईपीडी संभाल रहे हैं, जबकि निजी संस्थानों और अस्पतालों के डॉक्टर्स को भी ओपीडी के लिए लगाया गया है।”
इस बीच, पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (PCMSA) ने भी HCMSA को समर्थन दिया है। PCMSA के प्रदेशाध्यक्ष अखिल सारिन ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को बचाने के लिए इन मांगों पर सरकार को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।
सरकार ने लगाया ESMA
बढ़ते विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने मंगलवार को आवश्यक सेवाएं बनाए रखने के लिए ईएसएमए (Essential Services Maintenance Act) लागू कर दिया है। स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक जनरल डॉ. मनीष बंसल ने कहा, “3,000 से अधिक सरकारी डॉक्टर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। इसलिए सेवाएं सुचारु रखने के लिए ईएसएमए लागू किया गया है। सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दे दिए गए हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और डॉक्टरों को सरकार की अगली कार्रवाई का इंतजार करना चाहिए। वहीं HCMSA ने सरकार की ओर से पिछले दो दिनों में किसी भी बातचीत के प्रस्ताव से इनकार किया है।
स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है और अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार और डॉक्टरों के बीच जल्द समाधान निकालकर मरीजों को राहत दी जाएगी।