साल दर साल गिरते भूजल स्तर से चिंतित सरकार ने अब कुरुक्षेत्र के लाडवा, शाहाबाद और पिहोवा खंड के 189 गांव में अटल भूजल योजना के तहत पीजोमीटर लगाने की कवायद तेज कर दी है। ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले पीजोमीटर सीधे सेटेलाइट से जुड़ेंगे और भूजल स्तर में होने वाले बदलाव की पल-पल अपडेट देंगे। सरकार ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। पीजोमीटर स्थापित होने के बाद सिंचाई विभाग एवं हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण निगरानी रखने के साथ-साथ गांव के सरपंच, जल समिति के सदस्यों, शिक्षित ग्रामीणों, आंगनबाड़ी व आशा वर्कर व विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देगा। पीजोमीटर सेंसर की मदद से पल-पल की अपडेट स्क्रीन पर ग्राफ के रूप में दिखाएगा। पीजोमीटर जहां मिट्टी, चिकनी मिट्टी, रेत और कंक्रीट संरचनाओं में पानी के दबाव की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा और बारिश से पहले व बारिश के बाद का भूजल स्तर में हुए परिवर्तन को स्पष्ट करेगा। साथ ही बारिश के बाद भूमि कितनी रिचार्ज हुई है, यह सटीक जानकारी भी पीजोमीटर की मदद से हासिल हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि कुरुक्षेत्र का 97.57 फीसदी क्षेत्र यानी जिले के 432 गांव में से 421 गांव रेड जोन में शामिल हैं। भूजल विशेषज्ञ डॉ. नवीन नैन का कहना है कि समय-समय पर जिले का भूजल स्तर मापा जाता है, लेकिन हर गांव का भूजल स्तर अलग-अलग होता है। इसकी वजह से सही भूजल स्तर की जांच नहीं हो पाती थी। अब ग्रामीण क्षेत्र में पीजोमीटर लगने से पल-पल की अपडेट मिलेगी। पीजोमीटर भू-तकनीकी सेंसर हैं, जिनका उपयोग जमीन में पानी के दबाव को मापने के लिए किया जाता है।