हरियाणा सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि इस साल ईद-उल-फितर को राज्य में राजपत्रित अवकाश (Gazetted Holiday) के बजाय एक प्रतिबंधित अवकाश (Restricted Holiday) के रूप में मनाया जाएगा।
सरकार ने बताया कि 31 मार्च को घोषित राजपत्रित अवकाश को बदलकर प्रतिबंधित अवकाश कर दिया गया है, क्योंकि सोमवार को वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने के कारण कार्यालय खुले रहेंगे।
सरकारी अधिसूचना में कहा गया:
“26 दिसंबर 2024 को जारी अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए, यह सूचित किया जाता है कि 31 मार्च 2025 को ईद-उल-फितर एक प्रतिबंधित अवकाश (शेड्यूल-II) होगा, न कि एक राजपत्रित अवकाश। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि 29 और 30 मार्च 2025 को सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) की छुट्टियां हैं, और 31 मार्च वित्तीय वर्ष 2024-2025 का समापन दिवस है।”
प्रतिबंधित अवकाश क्या होता है?
राजपत्रित अवकाश को सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से घोषित किया जाता है, और यह सभी के लिए लागू होता है। वहीं, प्रतिबंधित अवकाश एक वैकल्पिक छुट्टी होती है, जिसे कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत या धार्मिक प्राथमिकताओं के अनुसार ले सकते हैं।
राजपत्रित अवकाश के दौरान सरकारी कार्यालय, बैंक और कई व्यवसाय बंद रहते हैं, जबकि प्रतिबंधित अवकाश में कर्मचारियों को सीमित संख्या में छुट्टियां चुनने की अनुमति होती है। हरियाणा सरकार के इस फैसले के अनुसार, सभी सरकारी कार्यालय 31 मार्च को खुले रहेंगे, लेकिन कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार ईद की छुट्टी ले सकते हैं।
भारत में कब है ईद-उल-फितर?
भारत में चंद्र दर्शन के आधार पर ईद-उल-फितर 31 मार्च, सोमवार को मनाए जाने की संभावना है। यह दिन वित्तीय वर्ष 2024-25 का अंतिम दिन भी है।
ईद-उल-फितर आमतौर पर नए चंद्रमा के दिखने के अगले दिन मनाई जाती है। यदि 31 मार्च को चांद नजर आ जाता है, तो ईद 1 अप्रैल को भी हो सकती है।
ईद-उल-फितर: क्या बैंक बंद रहेंगे?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहले 31 मार्च को बैंक अवकाश घोषित किया था, लेकिन वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया है। इस दिन सभी बैंक खुले रहेंगे ताकि वित्तीय लेन-देन पूरे किए जा सकें।
हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इस सप्ताह कई छुट्टियां हो सकती हैं, जिसमें 27 मार्च (शब-ए-कद्र), 28 मार्च (जुमे की नमाज), 30 मार्च (रविवार का साप्ताहिक अवकाश), और 31 मार्च (ईद-उल-फितर) शामिल हैं।
ईद-उल-फितर: चांद देखना क्यों जरूरी है?
इस्लामी कैलेंडर (हिजरी) चंद्रमा के चक्र पर आधारित होता है, और ईद-उल-फितर की तिथि नए चांद के दर्शन पर निर्भर करती है। इस कारण, अलग-अलग देशों में ईद अलग-अलग दिन हो सकती है।
ईद-उल-फितर इस्लामी महीने शव्वाल की पहली तारीख को मनाई जाती है, जो रमज़ान के महीने के खत्म होने का संकेत देती है।