हरियाणा में 2020 से 2022 के बीच 90,000 नए कैंसर मामले दर्ज किए गए, जबकि 49,649 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने शुक्रवार को विधानसभा में दी।
हरियाणा में कैंसर के मामले और मौतें
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में कैंसर मामलों का कोई स्पष्ट पैटर्न नहीं है क्योंकि “पॉपुलेशन-बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रियों” की कमी है। कैंसर के मामलों की गणना भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (NCRP) के अनुमानों पर आधारित है।
वर्षवार कैंसर मामले और मौतें
वर्ष | नए कैंसर मामले | मौतें |
---|---|---|
2020 | 29,219 | 16,109 |
2021 | 30,015 | 16,543 |
2022 | 30,851 | 16,997 |
2023 | 29,437 | – |
2024 | 30,475 | – |
कैंसर के मुख्य कारण
PGIMER चंडीगढ़ द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, हरियाणा में कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
-
शारीरिक निष्क्रियता
-
अस्वास्थ्यकर खानपान
-
तंबाकू और शराब का सेवन
-
वायु प्रदूषण, कीटनाशक और रसायन
-
संक्रमण
पुरुषों और महिलाओं में आम कैंसर
-
पुरुषों में: मुख (oral cavity), फेफड़े (lungs) और अन्नप्रणाली (esophagus) का कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है।
-
महिलाओं में: स्तन (breast), गर्भाशय ग्रीवा (cervix), अंडाशय (ovary) और मुख का कैंसर अधिक देखने को मिलता है।
राज्य सरकार की कैंसर रोकथाम योजना
-
30 वर्ष और उससे अधिक उम्र की आबादी की स्क्रीनिंग के लिए “पॉपुलेशन-बेस्ड स्क्रीनिंग (PBS)” चलाई जा रही है।
-
अब तक 80 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है, जबकि 1.11 करोड़ का लक्ष्य है।
-
सरकार के 38 विशेष कैंसर वार्डों में 915 बेड उपलब्ध हैं।
-
306 सरकारी अस्पतालों को आयुष्मान भारत (AB-PMJAY) योजना में शामिल किया गया है।
-
389 मल्टी-स्पेशियलिटी निजी अस्पताल हरियाणा सरकार से कैंसर और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए पैनल में शामिल हैं।
हरियाणा सरकार कैंसर से निपटने के लिए प्रारंभिक जांच, बेहतर इलाज और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार पर जोर दे रही है।