हरियाणा सरकार आज, 31 मई को राज्य भर के सभी 22 जिलों में एक बड़े स्तर का नागरिक सुरक्षा अभ्यास “ऑपरेशन शील्ड” आयोजित कर रही है, जिसका उद्देश्य राज्य की आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करना है। यह मॉक ड्रिल शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक आयोजित की जाएगी। अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे इससे घबराएं नहीं, क्योंकि यह केवल एक अभ्यास है।
यह समग्र अभ्यास केंद्रीय गृह मंत्रालय के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हवाई हमलों, ड्रोन हमलों और युद्धकालीन स्थितियों जैसे संकटों का अनुकरण किया जाएगा। यह कदम वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र उठाया गया है।
पहले यह अभ्यास 29 मई को होना था, लेकिन गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार इसे स्थगित कर आज 31 मई को किया जा रहा है।
हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य मौजूदा आपातकालीन तंत्र की जांच करना, नागरिक प्रशासन, रक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय को बेहतर बनाना और उन क्षेत्रों की पहचान करना है, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी संकट की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में लगभग 32,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक (सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स) हैं, जो इस अभ्यास में भाग लेंगे।
सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिलों के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों, एनएसएस, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS), होम गार्ड्स को बुलाकर उनकी तैनाती, कर्तव्यों और अभ्यास से संबंधित जानकारी दें।
अभ्यास के मुख्य बिंदुओं में हवाई हमलों और ड्रोन हमलों की स्थिति में प्रतिक्रिया देने के लिए ड्रिल, एयर रेड सायरन का बजाया जाना, और भारतीय वायु सेना से जुड़े कंट्रोल रूम हॉटलाइनों की जांच शामिल है।
इसके अतिरिक्त, शाम 8 बजे से 8:15 बजे तक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के आसपास 15 मिनट का नियोजित ब्लैकआउट भी किया जाएगा। हालांकि, अस्पतालों, फायर स्टेशन और पुलिस स्टेशन जैसी आवश्यक आपातकालीन सेवाएं इससे मुक्त रहेंगी।
मिश्रा ने यह भी बताया कि यह अभ्यास ‘इंसीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (IRS)’ के अनुरूप है, जिसे हरियाणा सरकार ने 28 जनवरी 2025 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत औपचारिक रूप से अधिसूचित किया था। यह प्रणाली आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करती है।
उपायुक्तों (जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के अध्यक्ष भी हैं), आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अपने क्षेत्रों में इस अभ्यास की सटीक योजना और निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
उनसे यह भी कहा गया है कि वे कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट कमांडेंट जनरल, होम गार्ड्स तथा निदेशक, नागरिक सुरक्षा, हरियाणा को प्रस्तुत करें, जिसे राज्य स्तर पर समीक्षा के लिए संकलित कर गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।