सूरज की तपिश संग बिजली खपत भी बढ़ने लगी है। दूसरी ओर बिजली का उत्पादन कम होने लगा है। राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ (हिसार), पानीपत थर्मल पावर प्लांट और यमुनानगर दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट की बात करें तो गर्मी के चलते तीनों प्लांटों में बिजली के उत्पादन पर असर पड़ने लगा है। तीनों प्लांट 2510 मेगावाट के हैं, जबकि मौजूदा समय में इन प्लांटों से करीब 1956 मेगावाट ही उत्पादन हो रहा है। अगर अलग-अलग इन प्लांटों की बात करें तो खेदड़ में स्थापित 1200 मेगावाट प्लांट से 900, पानीपत के 710 मेगावाट से 538 और यमुनानगर के 600 मेगावाट से करीब 502 मेगावाट रोजाना बिजली उत्पादन हो रहा है। मौजूदा समय में प्रदेश में कुल 10 हजार 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। जून-जुलाई में 12 हजार मेगावाट तक डिमांड बढ़ जाती है, जबकि सर्दियों में छह से सात हजार मेगावाट तक डिमांड रहती है। प्रोडक्शन हमारी एचपीजीसीएल की ढाई हजार मेगावाट है।
Haryana: थर्मल प्लांटों में घटा बिजली का उत्पादन; गर्मी के चलते मांग बढ़ी,
