किशोरों (15 से 18 आयुवर्ग) के टीकाकरण में स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग का तालमेल पिछले एक सप्ताह से गड़बड़ाया हुआ है और इसके चलते टीकाकरण की रफ्तार पर ब्रेक से लग गए है। जबकि शुरुआत में पहले छह दिनों में साढ़े 13 हजार किशोर कवर किए गए थे और 11 से 16 जनवरी तक महज 2448 किशोर ही कवर हुए हैं। अंतिम छह दिनों में विभाग ने महज 8.16 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार किशोरों के टीकाकरण में पिछड़ने का कारण शिक्षा विभाग का साथ न मिलना है।15 से 18 आयुवर्ग के किशोरों को वैक्सीन की डोज देने की शुरुआत तीन जनवरी को हुई थी। जिले में इसके तहत 30 हजार किशोरों को वैक्सीन दी जानी थी और डीसी प्रदीप गोदारा ने 15 दिन के अंदर यह कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पहले तीन दिन तो इस आयुवर्ग में टीकाकरण की गति तेज रही, लेकिन इसके बाद से ही इसमें लगातार गिरावट आती चली गई। वहीं, स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। स्कूलों में विभाग की टीम पहुंचने के बाद भी किशोरों को टीकाकरण के लिए नहीं बुलाया जा रहा।गत 11 से 16 जनवरी तक हुए टीकाकरण की स्थिति देखें तो किसी भी दिन टीकाकरण ने 850 का आंकड़ा पार नहीं किया है, जबकि शुरुआती दो दिनों में ही विभाग ने 45 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया था। वहीं, अगर अंतिम छह दिनों की बात करें तो 8.16 प्रतिशत किशोरों का ही टीकाकरण हुआ है।
स्कूलों में नहीं पहुंचे किशोर तो अब घर पहुंच रही टीमें
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार कई ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने दस प्रतिशत विद्यार्थियों का भी टीकाकरण नहीं करवाया है। टीम के स्कूल में पहुंचने के बाद भी उक्त स्कूलों के मुखिया विद्यार्थियों को नहीं बुला पाए। ऐसी स्थिति सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अब डोर-टू-डोर जाकर कॉमन सेशन के तहत किशोरों को भी कवर करना शुरू कर दिया है।50 प्रतिशत से कम वैक्सीनेशन वाले स्कूलों की डीसी ने बुलाई बैठक
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां 50 प्रतिशत से भी कम वैक्सीनेशन हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए डीसी प्रदीप गोदारा ने इन स्कूल मुखियाओं की मंगलवार को बैठक बुलाई है। इस बैठक में डीईओ जेपी संभ्रवाल भी मौजूद रहेंगे और प्रशासन व शिक्षा विभाग की तरफ से उन्हें वैक्सीनेशन के संदर्भ में दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के अधिकारी आमने-सामने
शुरुआत में हमें मिला सहयोग, लेकिन अब नहीं: सीएमओ
किशोरों के वैक्सीनेशन मुहिम के शुरू में हमें शिक्षा विभाग का साथ मिला लेकिन इसके बाद से इस कार्य में हमें सहयोग नहीं मिल रहा है। मजबूरीवश विभाग की टीमें कॉमन सेशन में ही किशोरों को कवर कर रही हैं। हमने इस संबंध में डीसी को पत्र लिख दिया है।
डॉ. सुदर्शन पंवार, सीएमओ, चरखी दादरी
सरकारी स्कूलों में मिला पूरा सहयोग, कुछ निजी स्कूलों में हुई गड़बड़ी : डीईओ
जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन हो चुका है। कुछ निजी स्कूलों में वैक्सीनेशन की दर कम है.