बेघर और मुसाफिरों के लिए सर्द रातें काटने में रैन बसेरा कारगर सिद्ध हो रहा है। रोज गार्डन में बनाया रैन बसेरा में पिछले करीब दो माह में 51 लोग सर्द रात काट चुके हैं। यहां रुकने वालों के लिए रजाई-कंबलों के अलावा खाने का भी प्रबंध है। खास बात यह है कि दिव्यांगों के लिए यहां केयरटेकर की सुविधा भी करवाई गई है।सर्दी की शुरुआत होने पर नवंबर में ही डीसी प्रदीप गोदारा ने नगर परिषद को रैन बसेरा का प्रबंध करने के निर्देश दिए थे। नप अधिकारियों ने 23 नवंबर को ही रोज गार्डन के दो कमरों में रैन बसेरा शुरू करवा दिया था। इस रैन बसेरा में दो कमरे बनाए गए हैं, जिनमें एक कमरा पुरुषों और दूसरा महिलाओं के लिए बनाया गया है। पड़ताल में सामने आया कि अब तक यहां 51 लोग रात बिता चुके हैं, जिनमें से 10 दिव्यांग थे। इन दिव्यांगों को रात के समय शौच आदि करवाने के लिए नप का एक कर्मचारी भी नियुक्त है। इतना ही नहीं यहां रुकने वाले किसी दिव्यांग के पास अगर किराया नहीं है तो जाते समय उसे कुछ रुपये भी दिए जाते हैं। अब तक यहां ठहरने वाले तीन दिव्यांगों को किराया देकर रवाना किया गया है।
रात के समय खाना और सुबह चाय नाश्ता का प्रबंध
सोमवार रात यहां ठहरने वाले दिव्यांग मनोज समेत सतीश ने बताया कि वह रात करीब साढ़े नौ बजे यहां पहुंचे थे। करीब आधा घंटा बाद ही उन्हें खाना दिया गया। उन्होंने बताया कि सुबह करीब सात बजे उन्हें चाय और बिस्कुट दिए गए। दिव्यांग मनोज ने बताया कि रात को यहां तैनात कर्मचारी उसे दो बार शौचालय तक लेकर गया।करीब चार दिन पहले ही डीसी प्रदीप गोदारा ने रोज गार्डन के दो कमरों में बनाए गए अस्थायी रैन बसेरा का औचक निरीक्षण किया था। उस दौरान उन्होंने यहां के प्रबंधों समेत शौचालयों का भी जायजा लिया था। डीसी को यहां प्रबंध पुख्ता मिले थे।
रोज गार्डन में हमने रैन बसेरा बनाया हुआ है और वहां पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। रैन बसेरा शुरू करने से लेकर 18 जनवरी तक यहां 51 लोग रात बिता चुके हैं। महिलाओं के लिए अलग से कमरे और शौचालय की व्यवस्था है।