हरियाणा के भिवानी के डाडम में हुए हादसे ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। मगर डाडम में जो हालात हैं, वे चिंताजनक हैं। खनन के दौरान नियमों को पूरी तरह ताक पर रखा गया है और यह लापरवाही फिर किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। खान सुरक्षा उपनिदेशक एके दास के अनुसार खनन कार्य बैच बनाकर करने की बजाय, दरारों के बीच से ही वाहनों का आवागमन किया जा रहा था।
पहाड़ों में खनन करने के दौरान वहां बैच नहीं बनाए गए हैं। वहीं कई जगह पहाड़ों में दरारें भी दिखाई दे रही हैं। इससे भी बड़ी लापरवाही यह है कि दरार आए पहाड़ों के नीचे से ही वाहनों के आनेजाने के रास्ते बनाए गए हैं। पत्थर तोड़ने के लिए पहाड़ में ब्लास्ट किए जाते हैं, जिससे कंपन पैदा होता है।
सरकार द्वारा जब किसी फर्म को खनन करने का ठेका दिया जाता है तो उसे नियमावली भी बताई जाती है। खनन के दौरान उन नियमों को तोड़ना आपराधिक श्रेणी में आता है। इसके लिए विभाग द्वारा खनन क्षेत्र में निगरानी भी रखनी होती है।
संतुलन बनाए रखने के लिए बैच जरूरी
पहाड़ में खनन करते समय संतुलन बनाए रखने के लिए बैच बनाना जरूरी होता है। पहाड़ों के बीच बनाए जाने वाले छोटे-छोटे रास्तों को बैच कहते हैं। इसका फायदा यह होता है कि अगर पहाड़ का कोई हिस्सा खिसक भी जाता है तो वह दूसरे बैच पर आकर रुक जाता है।
दरार आने के बाद बढ़ जाता है खिसकने का खतरा
डाडम के पहाड़ों में दरार आई हुई हैं। दरार आने का कारण भारी ब्लास्ट या फिर ज्यादा कंपन होने के कारण भी कई बार पहाड़ों में दरार आ जाती हैं। दरार आने के बाद पहाड़ के उस हिस्से के खिसकने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
मलबा हटने के बाद शुरू होगी जांच
जिला प्रशासन ने एडीसी राहुल नरवार के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की है। इस कमेटी में तोशाम के एसडीएम, डीएफओ और माइनिंग अधिकारी भी शामिल हैं। राहत कार्य में जुटे अधिकारियों का मानना है कि मंगलवार दोपहर तक मलबा साफ कर दिया जाएगा।
प्रशासन बनाए हुए है नजर
जिला प्रशासन बचाव कार्य एवं डाडम से जुड़े सभी मामलों पर नजर बनाए हुए है। लगातार बचाव दल से जुटे अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं और समय-समय पर उनके साथ बैठक भी कर रहे हैं।