भिवानी: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने निजी स्कूलों द्वारा महंगी किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डालने पर सख्त रोक लगा दी है। बोर्ड ने साफ किया है कि इस तरह की शिकायतों की जांच के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी, और नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बोर्ड के चेयरमैन प्रो. (डॉ.) पवन कुमार और सचिव श्री मनीष नागपाल (एचसीएस) ने एक प्रेस नोट में बताया कि हरियाणा सरकार ने यह कदम परिवारों पर आर्थिक बोझ को कम करने के उद्देश्य से उठाया है। राज्य के निजी स्कूल अब अभिभावकों को निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही बोर्ड द्वारा गठित विशेष टीमें विभिन्न स्कूलों में जाकर यह जांच करेंगी कि वहां कौन-कौन सी किताबें उपयोग में लाई जा रही हैं। यदि कोई स्कूल हरियाणा शिक्षा विभाग या बोर्ड की निर्धारित नीतियों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ बोर्ड की संबद्धता नीति के अनुसार सख्त कदम उठाए जाएंगे।
बोर्ड अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि निजी स्कूलों को अनावश्यक और सरकारी शिक्षा मानकों के अनुरूप न होने वाली किताबों का उपयोग तत्काल बंद करना होगा।