सार
- 114 चयनित अभ्यर्थियों को इसी सप्ताह अंतिम परिणाम आने की उम्मीद
- एचएसएससी ने भी दिए संकेत, उच्च न्यायालय से मिल चुकी हरी झंडी
विस्तार
हरियाणा रोडवेज में 38 स्टेशन सुपरवाइजर की भर्ती पांच साल बाद सिरे चढ़ने जा रही है। उच्च न्यायालय की हरी झंडी (कंडक्टर को योग्य मानते हुए) के बाद एचएसएससी (हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग) भर्ती का अंतिम परीक्षा परिणाम तैयार करने में जुट गया है। आयोग की तरफ से इस सप्ताह भी परिणाम घोषित होने के संकेत मिले हैं।
114 चयनित अभ्यर्थियों में से 38 स्टेशन सुपरवाइजर की नियुक्ति होनी है। आयोग के चेयरमैन बीबी भारती कानूनी विवाद खत्म होने के बाद जल्दी अंतिम परिणाम घोषित करने की बात पहले ही कह चुके हैं। बीते सप्ताह ही उच्च न्यायालय ने भर्ती को हरी झंडी दी थी, जिसके आदेशों की कॉपी सरकार, परिवहन विभाग व आयोग के पास पहुंच चुकी है।
2015 में निकली भर्ती के लिए 18 दिसंबर 2016 को
लिखित परीक्षा व 13 जनवरी 2018 को साक्षात्कार होने के बाद अनुभव व कर्मचारियों की श्रेणी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। स्टेशन सुपरवाइजर पद के लिए शुरू में पात्र न बनाने पर विभिन्न
राज्यों के कंडक्टर ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली थी। उन्होंने याचिका में तर्क दिया था कि हरियाणा में पहले भी स्नातक कंडक्टर सीधे स्टेशन सुपरवाइजर लग चुके हैं।
परिवहन विभाग ने 12 मार्च को न्यायालय में दे दिया था शपथ पत्र
हरियाणा परिवहन विभाग ने 12 मार्च 2020 को उच्च न्यायालय में स्टेशन सुपरवाइजर भर्ती के अनुभव व श्रेणी को स्पष्ट करते हुए शपथ पत्र दे दिया था। लेकिन, इसकी कॉपी एचएसएससी को नहीं भेजी। 24 मार्च को देश में कोरोना के कारण बंद हो गया और न्यायालय में सुनवाई आगे खिसक गई।
एचएसएससी ने विभाग की कॉपी न मिलने पर भर्ती की अधिसूचना वापस लेने की सिफारिश सरकार से कर डाली। जिस पर चयनित अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया। मुख्य सचिव के रिपोर्ट मांगने पर विभाग ने एचएसएससी को भी अनुभव व श्रेणी संबंधी शपथ पत्र की कॉपी भेजी, जिसमें कंडक्टर के भी भर्ती के लिए योग्य होने का जिक्र था।
चेयरमैन से मिले अभ्यर्थी, जल्द परिणाम घोषित करने का भरोसा
एचएसएससी के चेयरमैन बीबी भारती से चयनित अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद मुलाकात की है। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया कि जल्दी परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। सीएम मनोहर लाल पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि जिन भर्तियों में न्यायालय विवाद खत्म हो गए हैं, उनका परिणाम बिना देरी जारी किया जाए।