बिश्नोई बाहुल्य इलाके में बनाया जा रहा है मांस, गांव में फैला आक्रोश, मौके पर बड़े संख्या में पहुंचे ग्रामीण,

वाइल्ड लाइफ अधिकारियों को भी दी गई सूचना, एक विशेष समुदाय द्वारा घर में आयोजित दावत के लिए पकाया किया जा रहा था सुअर मांस, ग्रामीणों ने मांस को जमीन में खड्डा खोद कर दफनाया, वन्य प्राणी अधिकारी बोले नहीं क्षेत्राधिकार का नहीं है मामला, गांव के सरपंच प्रतिनिधि बोले गांव में मांसाहार है प्रतिबंधित, इन लोगों के कारण गांव में हो सकता है माहोल खराब, पुलिस को नहीं दी गई सूचना

जिले के गांव बड़ोपल में बीती देर शाम मांस पकाने की सूचना मिलने के बाद आक्रोश फैल गया। बिश्नोई बाहुल्य गांव होने के कारण गांव में जीव हत्या अथवा मांस नहीं पकाया जाता। बिश्नोई समाज को लोगों को गांव में मांस पकाए जाने की सूचना मिलने के बाद इसका जमकर विरोध किया। वहीं सूचना पाकर वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। गांव में शांति बरकरार रहे इसके गांव के मौजिज लोगों ने मामले को शांत करवाया। दरअसल गांव के बाहरी इलाके में बनी एक कॉलोनी में एक समुदाय विशेष द्वारा सुअर का मांस पकाया जा रहा था। बताया जा रहा है उनके परिवार किसी दावत का आयोजन किया गया था। मांस पकाए जाने की सूचना ग्रामीणों को मिल गई। बिश्नोई बाहुलय गांव होने के कारण ग्रामीणों में रोष फैल गया और दोनों पक्ष आमने सामने हो गए। ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांव में किसी प्रकार के जीव की हत्या पर पाबंदी है। बावजूद इसके मीट पकाने वाले परिवार ने उसके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। तनाव को बढ़ता देख गांव के सरपंच प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझा कर शांत करवाया और घर में पकाया जा रहे मांस को गड्ढा खोद कर उसमें दबा दिया गया।

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