बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव गाजदीनपुर निवासी हिमांशु की मौत के मामले में एसआइटी गठित कर जांच की मांग उठाई गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी की ओर से डीपीपी को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। जिसमें हिमांशु को हिरासत में रखकर पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली में भी याचिका दायर किए जाने की तैयारी है। इस मामले में स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की टीम पर आरोप लगे है
राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी के राष्ट्रीय कन्वीनर सेवानिवृत्त जज आनंद वर्धन व प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष अधिवक्ता आलोक भारद्वाज ने बताया कि यमुनानगर पुलिस ने हिमांशु के साथ अमानवीय व्यवहार किया। उसे गैरकानूनी तरीके से थर्ड डिग्री दी गई। जिससे उसकी मौत हुई। इस पिटाई की वजह से ही उसकी जेल में मौत हुई। उसके शरीर के जख्म पुलिस की क्रूरता को बयां कर रहे हैं। इस मामले की जांच के लिए स्पेशल एसआइटी गठित करने की मांग डीजीपी से की गई है। हिमांशु के परिवार को भी मुआवजा मिलना चाहिए, क्योंकि वह परिवार में इकलौता लड़का था। इससे पहले इस मामले में महाकाल ग्रुप की ओर से गृहमंत्री को ज्ञापन भेजा जा चुका है। जिसमें आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
यह था मामला :
11 सितंबर को हिमांशु को स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की टीम घर से उठाकर ले गई थी। 16 सितंबर की रात नौ बजे उसे जगाधरी जेल में भेजा गया। जहां उसे पेट में दर्द हुआ। जिससे उसकी मौत हो गई। जज की मौजूदगी में बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। चिकित्सकों के मुताबिक, हिमांशु के शरीर में खून के थक्के बने हुए थे। शरीर की खाल उतरी हुई थी। मृतक के ताऊ ईश्वर सिंह ने बताया कि पुलिस ने हिमांशु को बेरहमी से पीटा है। जब पुलिस उसे लेकर गई थी, तो वह पूरी तरह से तंदरुस्त था।