ब्यूरो चंडीगढ़ : स्वास्थ्य विभाग एक कारनामा विभाग के गले फांस बनता नजर आ रहा है । दरअसल विभाग ने चिकित्सा अधिकारियों के 447 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था लेकिन विभाग ने हैरानीजनक तरीके से 642 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए । हाई कोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए एडवोकेट जनरल हरियाणा बलदेव राज महाजन को मामले में कोर्ट की मदद करने को कहा है । इसी के साथ हाई कोर्ट ने सरकार व विभाग को नोटिस जारी कर जवाब भी तलब किया है । हाई कोर्ट के जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींडसा कैथल जिले के सोहलुमाजरा गांव निवासी राज कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं । याचिका में बताया गया कि हरियाणा
सरकार ने 1 जनवरी 2020 को जारी एक विज्ञापन में वॉक – इन – इंटरव्यू के माध्यम से एचसीएमएस – ग्रुप – ए में चिकित्सा अधिकारियों के 447 खाली पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे याचिकाकर्ता पात्र थे और सामान्य श्रेणी के तहत उक्त पदों लिए भी आवेदन किया था । 16 जून को राज्य सरकार ने एक आम नियुक्ति आदेश जारी किया जिसमें 447 विज्ञापित पदों से अधिक 642 नव नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों की सूची थी । मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बड़ा सवाल यह कि चिकित्सा अधिकारियों के 447 विज्ञापित पदों के पर 642 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र कैसे जारी कर दिए गए । वकील का तर्क है कि राज्य सरकार विज्ञापित संख्या से अधिक पदों को नहीं भर सकती । याची ने सरकार द्वारा जारी इन चिकित्सा अधिकारियों के नियुक्ति आदेश को रद करने की मांग की है । याची के अनुसार यह नियुक्ति गैर कानूनी व अवैध है । इसलिए इस भर्ती को रद किया जाए । याचिका में लगाए गए आरोप पर हाई कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग हरियाणा तथा महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को 14 अगस्त के लिए नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है ।