जिले में वर्ष 2020-21 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत फसल अवशेषों को खेत | में मिलाने व अन्य प्रबंधन करने हेतु व्यक्तिगत श्रेणी में किसानों को 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान |किया गया है । उपायुक्त पंकज ने बताया है कि जमीन की उर्वरा शक्ति बनाए रखने तथा |पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा फसल अवशेषों को खेतों में / खेतों से बाहर मशीनों द्वारा प्रबंधन के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा । इसमें नौ प्रकार से कृषि यंत्र व मशीनों जैसे , हैप्पी सीडर ,| सुपर स्ट्रा मनेजमेंट , पैडी स्ट्रा चौपर / मल्चर / बेलर / रोटरी सलेसर / शर्ब मास्टर , |क्रोप रीपर , ट्रैक्टर चालित , स्वचलित , रिवर्सिबल एमबी प्लाउ , जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन , सुपर सीडर , बेलिंग मशीन , शर्ब मास्टर / स्लेसर अनुदान पर दिया जाने है ।
इच्छुक किसान विभाग के पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणासीआरएम डॉट सीओएम पर 21 अगस्त तक आवेदन कर सकता है । डॉ . महावीर सिंह उप कृषि निदेशक ने बताया किसान इन कृषि यन्त्रो का प्रयोग करके फसल अवशेषो का बेहतर प्रबन्धन कर सकते है । लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर लाभाथीयो का चयन ड्रा / लॉटरी माध्यम से किया जाएगा । एक किसान लाभार्थी अधिकतम तीन विभिन्न प्रकार के कृषि यन्त्र ( प्रत्येक एक ) के लिए अनुदान का पात्र होगा । प्रत्येक कृषि यन्त्र पर उपलब्ध अनुदान भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए अधिकतम मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा भारत सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम अनुदान | राशि ( जो भी कम हो ) देय होगी । कृषि यन्त्रो की खरीद कृषि तथा किसान कल्याण विभाग , हरियाणा सरकार द्वारा अधिकृत कृषि यन्त्र निमार्ता से करना अनिवार्य है । उन्होंने बताया इस स्कीम के तहत कृषि यन्त्रो पर अनुदान का लाभ लेने के लिए आवेदक किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना आवश्यक है अन्यथा किसान अनुदान का पात्र नही | होगा । अधिक जानकारी के लिए किसान उप कृषि निदेशक / सहायक कृषि अभियन्ता , नूंह कार्यालय से सम्पर्क करे ।