गुड़िया मर्डर केस के आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में आरोपी पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी की दोनों याचिकाओं को सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। जैदी ने याचिकाओं के जरिए चंडीगढ़ के बुड़ैल जेल में कंप्यूटर के इस्तेमाल और बी क्लास की सुविधा मुहैया कराने की मांग की थी। उनका कहना था कि जेल में वह अपने कागजात को सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं। पहले कागजात वकील के माध्यम से बाहर भिजवा देते थे, लेकिन कोरोना की वजह से उनके वकील नहीं आ रहे। दूसरी याचिका में उन्होंने बी क्लास की सुविधा की मांग की थी। अदालत ने कहा कि भले आप पोस्ट ग्रेजुएट हो, लेकिन आप पर हत्या के गंभीर आरोप भी लगे हैं। ऐसी स्थिति में आपको विशेष सुविधा नहीं मिल सकती।
मामला जुलाई 2017 का है। शिमला से 58 किलोमीटर दूर कोटखाई के एक स्कूल की छात्रा लापता हो गई थी। दो दिन बाद जंगल से उसकी लाश बरामद हुई थी। एसआईटी ने स्थानीय युवक समेत पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया, जिनमें सूरज नाम का एक नेपाली युवक भी था। कोटखाई थाने में 18 जुलाई 2017 को सूरज की मौत हो गई। सीबीआई जांच में सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से ही सूरज की मौत हुई थी। इस केस में सीबीआई ने आईजीपी जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठयोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफिक अली और कांस्टेबल रंजीत को आरोपी बनाया था।