राजधानी दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए भयानक कार धमाके के बाद अब जांच में हरियाणा के फरीदाबाद का नाम सामने आया है। इस विस्फोट में कम से कम 8 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। अब जांच एजेंसियों ने इस हमले को फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर से जुड़े एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जोड़कर देखा है।
फरीदाबाद से मिला 2,900 किलो विस्फोटक, डॉक्टर निकले मास्टरमाइंड
दिल्ली धमाके के कुछ ही घंटों बाद, एनआईए और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने एक विशाल छापेमारी अभियान चलाकर लगभग 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट, असॉल्ट राइफलें, पिस्तौलें, टाइमर डिवाइस और रिमोट कंट्रोल बरामद किए।
इस कार्रवाई में तीन डॉक्टरों की भूमिका सामने आई है —
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डॉ. आदिल अहमद राठर (अनंतनाग, J&K)
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डॉ. मुझम्मिल शकील (पुलवामा, J&K – कार्यरत अल-फलाह अस्पताल, फरीदाबाद)
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डॉ. उमर (फरीदाबाद से फरार बताया जा रहा है)
सूत्रों के अनुसार, ये सभी “व्हाइट कॉलर मॉड्यूल” का हिस्सा हैं, जो जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से प्रेरित होकर काम कर रहा था।
अल-फलाह अस्पताल से बरामद हुआ विस्फोटक और हथियार
फरीदाबाद पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर राठर और मुझम्मिल शकील के कमरों से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली।
बरामदगी में शामिल हैं —
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360 किलो अमोनियम नाइट्रेट
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1 क्रिंकोव असॉल्ट राइफल
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2 ऑटोमैटिक पिस्तौलें
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84 कारतूस
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20 टाइमर और बैटरी डिवाइस
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5 लीटर केमिकल सॉल्यूशन
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14 बैग विस्फोटक सामग्री
पुलिस का कहना है कि ये विस्फोटक सामग्री दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बड़े आतंकी हमले की तैयारी के लिए रखी गई थी।
फरीदाबाद-जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त अभियान
यह पूरी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा की गई।
डॉ. आदिल राठर को पहले सहारनपुर (यूपी) से गिरफ्तार किया गया था, जब वह श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में वांछित था।
उसकी पूछताछ में मिले सुरागों के आधार पर फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में छापेमारी की गई, जिससे यह बड़ा खुलासा हुआ।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर गृह मंत्रालय सतर्क
गृह मंत्रालय ने मामले को गंभीर मानते हुए एनआईए, एनएसजी, दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस को संयुक्त जांच के निर्देश दिए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा —
“यह घटना एक बड़े आतंकी मॉड्यूल की ओर इशारा करती है। सभी एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं। किसी भी साजिश को अंजाम तक पहुंचने नहीं दिया जाएगा।”
दिल्ली धमाके से जुड़ा नेटवर्क बेनकाब
दिल्ली पुलिस का कहना है कि लाल किला मेट्रो के पास धमाके में इस्तेमाल कार की कड़ी फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ी है।
कार में प्रयोग किया गया विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट वही था, जो इसी मॉड्यूल द्वारा हरियाणा में एकत्र किया गया था।
इससे अब यह साफ है कि दिल्ली धमाका और फरीदाबाद आतंकी नेटवर्क एक ही साजिश का हिस्सा थे।
अंतरराज्यीय आतंक मॉड्यूल की जांच शुरू
एनआईए के एक अधिकारी के अनुसार, यह मॉड्यूल “शिक्षित पेशेवरों की नई आतंकी शाखा” के रूप में काम कर रहा था।
यह समूह एन्क्रिप्टेड चैनलों के माध्यम से विदेशी हैंडलर्स से संपर्क में था और सोशल/चैरिटेबल संगठनों के नाम पर फंड जुटा रहा था।
इनका मकसद युवा पेशेवरों को कट्टरपंथी बनाकर भर्ती करना और आईईडी तैयार करना था।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी
फरीदाबाद, गुरुग्राम, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
संभावना जताई जा रही है कि मॉड्यूल के कुछ सदस्य अभी भी फरार हैं। पुलिस की टीमें दिल्ली-एनसीआर में कई जगह छापेमारी कर रही हैं।