हरियाणा की रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बलात्कार और हत्या के मामलों में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर 21 दिन की फरलो मिली है। यह फरलो हरियाणा सरकार द्वारा मंजूर की गई है। 7 वर्षों में यह उनकी 13वीं अस्थायी रिहाई है, जिससे एक बार फिर कई सवाल उठने लगे हैं।
बुधवार को राम रहीम जेल से बाहर आए और इस बार वह पूरा फरलो अवधि सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में बिताएंगे। हरियाणा पुलिस के अनुसार, राम रहीम इस बार डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर फरलो पर बाहर आए हैं। यह पहला मौका होगा जब वह फरलो की पूरी अवधि सिरसा डेरा में ही बिताएंगे और अपने अनुयायियों से मिलेंगे।
गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने 2017 में दो साध्वियों के बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा और एक पत्रकार की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जनवरी 2025 में ही उन्हें 30 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। 2020 से अब तक यह उनकी 13वीं बार अस्थायी जेल से रिहाई है।
चुनावों से पहले मिलती रही है रिहाई
राम रहीम की अस्थायी रिहाईयों का समय अक्सर चुनावों के आस-पास देखा गया है। उदाहरण के लिए:
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जनवरी 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले 30 दिन की पैरोल
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दिसंबर 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 20 दिन की पैरोल
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जनवरी 2024: 50 दिन की अस्थायी रिहाई
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नवंबर 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले 29 दिन की पैरोल
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जुलाई 2023: हरियाणा पंचायत चुनाव से पहले 30 दिन की पैरोल
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अक्टूबर 2022: आदमपुर उपचुनाव से पहले 40 दिन की पैरोल
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जून 2022: नगर निगम चुनावों से पहले 30 दिन की पैरोल
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फरवरी 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की फरलो
इसके अलावा अक्टूबर 2020 में उन्हें सुबह से शाम तक की अस्थायी रिहाई दी गई थी ताकि वह गुरुग्राम में अपनी बीमार मां से मिल सकें, जो कि बारोदा उपचुनाव के समय हुआ।
डेरा प्रमुख की लगातार रिहाइयों को लेकर राजनीतिक हलकों में भी कई तरह की चर्चाएं रही हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां उनके लाखों अनुयायी हैं और चुनावों पर उनका असर देखा गया है।