चंडीगढ़ — हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों के लिए अब सात विषयों को पढ़ना अनिवार्य होगा। इसमें छह अनिवार्य विषय और एक वैकल्पिक विषय शामिल होगा। यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कक्षा 9 और 2026-27 से कक्षा 10 के छात्रों पर लागू होगा।
बोर्ड अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पवन कुमार और सचिव डॉ. मुनिश नागपाल (HPS) ने जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों को अब हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त एक तीसरी भाषा — संस्कृत, उर्दू या पंजाबी में से किसी एक का चयन अनिवार्य रूप से करना होगा। यह बदलाव तीन-भाषा फॉर्मूले के अंतर्गत किया गया है, जिसे NEP 2020 के अनुरूप लागू किया जा रहा है।
नए विषय व्यवस्था के अंतर्गत:
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कक्षा 9वीं के छात्रों को अब तीन भाषाएं (हिंदी, अंग्रेजी, और एक क्षेत्रीय भाषा) पढ़नी होंगी।
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इसके अलावा तीन अन्य अनिवार्य विषय और एक वैकल्पिक विषय भी पढ़ना होगा।
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कक्षा 10वीं में यह नियम सत्र 2026-27 से प्रभावी होगा।
बोर्ड ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि यह नीति सभी सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों में लागू की जाएगी जो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हैं।
बोर्ड अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बदलाव के चलते परीक्षा प्रणाली और उत्तीर्ण होने के मानदंडों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे, जिनकी जानकारी उचित समय पर दी जाएगी।
निष्कर्ष:
हरियाणा बोर्ड का यह निर्णय छात्रों में भाषाई विविधता, सांस्कृतिक समझ और संप्रेषण कौशल को बढ़ावा देगा। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य — समावेशी, बहुभाषी और समग्र शिक्षा प्रणाली — की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।