हरियाणा में जन्म पर लिंग अनुपात (Sex Ratio at Birth – SRB) में गिरावट को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को हिसार जिले के प्री-नैटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक (PNDT) के नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया है, वहीं 12 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (SMOs) को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) के प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने का निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद — इन जिलों के PNDT नोडल अधिकारियों को भी उनके पदों से हटाने का आदेश दिया है। ये जिले राज्य में सबसे कम जन्म लिंग अनुपात वाले जिले हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में हरियाणा का SRB 910 रहा, जो 2023 के 916 से छह अंक कम है। यह आंकड़ा पिछले आठ वर्षों में सबसे कम है। 2015 में यह 876 था, जबकि 2019 में अब तक का सर्वोच्च 923 दर्ज किया गया था।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार ने जनवरी 2024 में इस गिरावट को “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के लिए खतरे की घंटी मानते हुए, कई जिलों में कानूनों के कमजोर अनुपालन को बड़ी बाधा बताया था।
स्वास्थ्य विभाग ने बयान जारी कर बताया कि हाल के हफ्तों में 300 पंजीकृत मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (MTP) केंद्रों को बंद कर दिया गया है। साथ ही 23 केंद्रों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं। इसके अलावा, पिछले दो महीनों में 17 ऑनलाइन MTP किट बेचने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं।
डॉ. वीरेन्द्र यादव, निदेशक (NHM) और राज्य टास्क फोर्स (STF) के संयोजक ने बताया कि हिसार जिले के PNDT अधिकारी को ड्यूटी में लापरवाही के कारण निलंबित किया गया है। वहीं निम्नलिखित 12 CHCs के SMOs को नोटिस जारी किए गए हैं:
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नाहर (रेवाड़ी)
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तोशाम (भिवानी)
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दनौदा (जींद)
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कुंजपुरा (करनाल)
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तावडू (नूंह)
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तिगांव (फरीदाबाद)
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भट्टू कलां (फतेहाबाद)
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अटेली (महेंद्रगढ़)
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उकलाना (हिसार)
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बदोपाल (फतेहाबाद)
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निसिंग (करनाल)
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लाडवा (कुरुक्षेत्र)
यदि इन अधिकारियों के उत्तर संतोषजनक नहीं पाए गए तो उन्हें चार्जशीट किया जाएगा।
STF ने राज्य में PC&PNDT एक्ट को सख्ती से लागू करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बीते तीन महीनों में अवैध लिंग परीक्षण की गतिविधियों में संलिप्त 23 स्थानों पर छापेमारी की गई और उन्हें बंद कर दिया गया।
इसके अतिरिक्त, हरियाणा सरकार ने 62,000 ऐसी गर्भवती महिलाओं की पहचान की है, जिनके पहले से एक या अधिक बेटियाँ हैं। इन्हें हेल्पलाइन 104 के माध्यम से महिला भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि जिन महिलाओं के पहले से दो बेटियाँ हैं, अगर वे कन्या को जन्म देती हैं तो संबंधित आशा कार्यकर्ता को ₹1,000 का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
डॉ. यादव ने बताया कि शहरी क्षेत्रों के सभी वार्डों को अब आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को सौंपा जाएगा, ताकि जन्मों का लिंग आधारित डेटा एकत्र किया जा सके और SRB में सुधार लाया जा सके।
सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला भ्रूण हत्या पर किसी भी सूरत में ढिलाई नहीं बरती जाएगी।