फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने 3 दिन के रिमांड के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर को टिंबर मार्केट कैथल स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 9 लाख 90 हजार रुपये का ऋण लेने के मामले में पुलिस ने चार आरोपी गिरफ्तार किए थे।सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक नरेश कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 2018 में सिसला सिसमौर की जमीन के फर्जी कागजात दिखाकर बैंक ऋण लिया था। इस मामले में पुलिस ने बुड़नपुर विरान थाना निसिंग निवासी रेशम सिंह, बैंक के एजेंट गांव हरसौला निवासी पंकज और दिलबाग, तत्कालीन बैंक मैनेजर तेज सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद बैंक मैनेजर तेज सिंह, पंकज व दिलबाग सिंह को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। रेशम सिंह ढांड सेंट्रल बैंक में धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में जेल में बंद था, जिसे प्रोडक्शन वारंट पर पकड़ा गया। बाद में उससे पूछताछ के बाद वापस जेल छोड़ दिया गया। रिमांड के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि धोखाधड़ी कर प्रबंधक ने 50 प्रतिशत राशि अपने पास रखी व बाकी राशि रेशम व दो साथियों को बांटी थी।पानीपत स्थित मकान में प्रबंधक ने इस राशि में से चार लाख रुपये लगाए हैं। आरोपियों द्वारा 16 नकली मोहर भी बरामद हुई है। इनमें तहसीलदार की मोहर भी थी। रेशम इससे पहले फर्जी कागजात दिखाकर 6 धोखाधड़ी के मामले कर चुका है, वहीं पुलिस द्वारा अब अन्य 11 शिकायतों की और जांच की जाएगी। बैंक प्रबंधक ने बैंक से एक करोड़ 43 लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दी हुई है।