शनिवार देर रात हसनपुर क्षेत्र में अचानक हुई ओलावृष्टि के बाद खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है। इससे किसानों की काफी फसल नष्ट हो गई है। जहां दो दिन पहले तक बारिश को किसान व कृषि विभाग अच्छा मान रहा था, वहीं हसनपुर में ओलावृष्टि व लगातार चल रही तेज हवा के बाद खेतों में खड़ी फसल लेट गई है।इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि उनकी खराब हुई फसल की गिरदावरी कराने के बाद मुआवजा दिलवाया जाए। वहीं जिले में चार दिन में हुई बारिश ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। रविवार को जिले में 156 एमएम बारिश हुई है। इसमें पलवल में 56 एमएम, हथीन में 29 एमएम, हसनपुर में 26 तथा होडल में 41 एमएम बारिश हुई है। जबकि पिछले साल पलवल में मात्र 20 एमएम बारिश हुई थी। हथीन में 16 एमएम, होडल व हसनपुर में 18-18 एमएम बारिश हुई थी। उधर विपक्षी राजनीतिक दलों के नेता पूर्व विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदयभान ने भी सरकार से हसनपुर में ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल की तुरंत गिरदावरी कराने की मांग की है।इन क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि
हसनपुर क्षेत्र में शनिवार देर रात गांव माहौली, सैंडोली, भैंडोली, रामगढ़, भिडू़की सहित करीब आधा दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई। रात को जैसे ही किसानों को ओलावृष्टि की सूचना मिली तो किसान खेतों की तरफ दौड़ पड़े। किसानों ने देखा की ओलावृष्टि से उनके खेतों में खड़ी गेहूं की बालियां, मटर, सरसों, चना, अरहर व फूलों की फसल पूरी तरह से गिर गई। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कुछ गांवों में तो खेतों में खड़ी सारी फसल गिर कर खराब हो गई है। खेतों में पानी भी अधिक भर गया है। ओलावृष्टि के बाद से ही वहां तेज हवा चल रही है जो फसलों को और भी नुकसान पहुंचा रही हैं। एक तरफ ओलावृष्टि से फसल गिर गई है तो दूसरी तरफ तेज हवा ने फसलों को झुका दिया है।गिरदावरी करा मुआवजा दिलाने की मांग
गांव रामगढ़ के किसान हुकम सिंह, राजेश, गंगालाल, रवि ,हरिओम ने बताया कि ओलावृष्टि व तेज हवा से रबी की तिलहन फसलों सरसों, दलहनी फसल चना, मटर, आलू, गोभी, प्याज सहित अगैती प्रजाति की गेहूं की फसल को क्षति हुई है। फसल पूरी तरह से खराब हो जाने के कारण लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। उन्हें अंदेशा है कि उनके खेतों में फसल नहीं बचेगी। उन्होंने जिला प्रशासन से गिरदावरी करा मुआवजा दिलाने की मांग की है।
जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई है, उन क्षेत्रों में जल्द ही सर्वे कराया जाएगा। जहां नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई किसानों को कराई जाएगी। कुछ फसलें भांवातर योजना के तहत भी हैं। ऐसे में उन किसानों को नुकसान नहीं होगा।