जालंधर. आज पंजाब और आसपास के राज्यों के शहरों में लोगों को दूध और सब्जी नहीं पहुंचने के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में किसान संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया है। बंद को 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन, वामदल और अनेक कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन की घोषणा कर रखी है। पूर्व नियोजित विरोध के चलते आज पंजाब के विभिन्न इलाकों से ग्रामीण अनाज, दूध, सब्जियां, फल आदि को शहर में जाने नहीं दिया।
- जालंधर में सुबह सवा 10 बजे लाल झंडा संगठनों ने इंडस्ट्रियल एरिया फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन के रोड ब्लॉक कर दिया। वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालय पर भी कर्मचारियों का प्रदर्शन शुरू हुआ।
कौन-कौन सी यूनियनें हैं साथ
किसानों का दावा है कि देशभर में 249 किसान संगठन और 80 विद्यार्थी संगठन इस बंद को समर्थन दे रहे हैं। 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन, वामदल और अनेक कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन ने घोषणा की। ऑल इंडिया संघर्ष कमेटी की घोषणा के मुताबिक गांवों से दूध, सब्जी-फल के साथ-साथ हरा चारा की शहर में सप्लाई प्रभावित होगी। आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की ओर से भी तमाम आंगनबाड़ी सेंटर बंद रखकर हड़ताल का समर्थन किया जाएगा। बिजली मुलाजिमों ने भी हड़ताल की हिमायत का ऐलान किया है।
यह भी दावा किया जा रहा है कि पंजाब की ज्यादातर किसान यूनियनें इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं। जिन यूनियनों ने बंद की कॉल दी है, वो ज्यादातर मालवा क्षेत्र में ही सक्रिय हैं। ऐसे में पंजाब में किसानों के बंद का असर दिल्ली पर पड़ने की संभावना बहुत कम है। पंजाब से सब्जी इत्यादि की सप्लाई दिल्ली को न के बराबर होती है, लेकिन वेरका का दूध दिल्ली जरूर जाता है।
ये हैं किसानों की मांगें
- भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के डॉ. दर्शन पाल और अन्य के मुताबिक मुख्य मांगों में संपूर्ण कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग के आधार फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना तय करना है।
- फसल की खरीद की गारंटी के अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों को न्यूनतम 5,000 रुपए मासिक पेंशन, फसल बीमा योजना में नुकसान के आकलन के लिए किसान के खेत को आधार मानना शामिल हैं।
- विकास के नाम पर किसानों की जमीन छीनकर उन्हें विस्थापित करने पर रोक लगाने, वनाधिकार कानून पास करने, गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर भुगतान किया जाए या फिर ब्याज दिया जाए।
- आवारा पशुओं से फसलों के नुकसान को रोकने और मनरेगा को खेती से जोड़कर 250 दिन काम देने के साथ ही मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर फसल खरीदने वालों को जेल और जुर्माने का प्रावधान किया जाए।
इस तरह रहेगा आंदोलनकारियों का प्रोग्राम
- सुबह 11 बजे मिनी सचिवालय डीसी दफ्तर के बाहर विभिन्न यूनियन एकत्र होंगी और फिर 11.30 बजे बैंक यूनियन धरना प्रदर्शन करेंगी।
- सीटू एफएमआरएआई-पीसीएमएसआरयू की तरफ से सुबह 11.30 बजे बठिंडा रेलवे स्टेशन के समीप गांधी मार्केट में रोष प्रदर्शन किया जाएगा।
- बस व रेल चक्का जाम की भी चेतावनी है, जिसके चलते किसान संगठन मानसा में दोपहर बाद 1 बजे से 3 बजे तक ट्रेन रोक सकते हैं।
- कई बैंकों ने 9 जनवरी को भी बंद का ऐलान कर रखा है। इस दिन कुछ बैंक खुलेंगे, लेकिन एटीएम में नकदी पहुंचने में वक्त लग सकता है।