नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर पंजाब के विभिन्न जिलों में विरोध-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मालेरकोटला पूरी तरह से बंद था। लुधियाना, जालंधर, पटियाला समेत कई शहरों में लोग सड़कों पर उतरे। मालेरकोटला में लोगों ने अपने घरों और दुकानों पर काली झंडियां लगाकर इस कानून के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया।
मालेरकोटला में कमल सिनेमा रोड पर आयोजित विशाल रोष रैली को संबोधित करते जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने कहा कि मालेरकोटला वह ऐतिहासिक धरती है जिसे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की दुआ लगी हुई है। देश के बंटवारे के समय जब जगह-जगह पर दंगे हो रहे थे तो सिर्फ मालेरकोटला में अमन शांति थी।
बंटवारा हमारी आवाम नहीं चाहती थी लेकिन जिन्ना जैसे लोगों ने इसे आवाम पर थोपा था। जब कश्मीर में जुल्म हो रहा था तो पंजाब के सिख भाइयों ने पुरजोर आवाज उठाई। अमित शाह ने संसद में कहा कि मुसलमानों को इस कानून से डरने की जरूरत नहीं। वह उन्हें बताना चाहते हैं कि जब तक पंजाब में हमारे सिख भाई साथ हैं, हमें कोई खतरा नहीं।
अमित शाह कह रहे हैं कि 2024 तक एक-एक घुसपैठिए को देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। असम के 19 लाख लोग जो एनआरसी से बाहर रह गए हैं, उनकी हालत बदतर है। उन्होंने कहा कि वह एनआरसी के समय अपने दस्तावेज तभी दिखाएंगे, जब प्रधानमंत्री मोदी अपनी डिग्री दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोई भी फैसला लोगों के हित में नहीं किया, जब भी कोई फैसला किया, लोगों को परेशान ही किया।
पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी के अलावा कई ऐसे फैसले लिए, जिससे लोगों की हालत खराब हो गई। इस मौके पर मुफ्ती इरतका उल हसन कांधलवी मुफ्ती आजम पंजाब ने कहा कि केंद्र सरकार के हर फैसले पर लोग सो रहे थे लेकिन अब सीएए के मुद्दे पर लोग जाग गए हैं। सुबह से ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर मालेरकोटला मुकम्मल बंद रहा।
शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी की अध्यक्षता में पंजाब भर में काला दिवस मनाया गया। जुम्मे की नमाज के बाद सभी मस्जिदों के बाहर काले झंड लेकर नमाजियों ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किए। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपे।
शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहला मौका है कि लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया गया है। संसद में संविधान के ऊपर भाजपा के एजेंडे को मानकर एक गैर संवैधानिक एक्ट बनाया गया। केंद्र सरकार प्रदर्शन कर रहे अपने ही देशवासियों से बात करने के बजाय सरकारी बल का प्रयोग करके लोकतंत्र को मारना चाहती है।
उन्होंने कहा कि लगता है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इतिहास नहीं पढ़ा, देश को आजाद करवाने के लिए रोजाना प्रदर्शन ही होते थे और आजादी के बाद भी सरकारों से नाराजगी जाहिर करने का यही तरीका रहा है। शाही इमाम ने कहा कि जुल्म करने वाले याद रखें, हमने अपने प्यारे वतन को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए बहुत कुरबानियां दी हैं और आज भी हम भारत का संविधान बचाने के लिए खून का आखिरी कतरा कुर्बान कर देंगे। फिरोजपुर के जीरा में भी लोगों ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया। इस कानून के विरोध में जालंधर और मंडी गोबिंदगढ़ में भी लोगों ने प्रदर्शन किया और इस कानून को वापस लेने की मांग की। लोगों ने कानून को असंवैधानिक करार दिया।
देश को टुकड़ों में बांट रही है केंद्र सरकार: डा. गांधी
एनआरसी और सीएए के खिलाफ शुक्रवार को पटियाला में मुस्लिम समुदाय ने काला दिवस मनाया गया। जुम्मे की नमाज के बाद पटियाला की मस्जिदों के बाहर रोष प्रदर्शन किए गए। यहां जामा मस्जिद में अल मुस्लिम-ए-पंजाब की ओर से प्रधान एडवोकेट मूसा खान की अगुवाई में ए टैंक में जोरदार प्रदर्शन किया गया। जिसमें विशेष तौर से पहुंचे पूर्व सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार देश को टुकड़ों में बांटने लगी है, जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। यह सीधे तौर पर मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। जब हमारा संविधान सभी को बराबर का दर्जा देता है तो भाजपा की ओर से एनआरसी और सीएए के जरिये धर्म के आधार पर देश को बांटने की कोशिश की जा रही है। जिसको कभी सहन नहीं किया जाएगा।