महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कांग्रेस सेवादल की पत्रिका में सावरकर और गोडसे के बीच शारीरिक संबंधों को लेकर छपे लेख पर अपनी आपत्ति जताई है। नवाब मलिक शरद पवार की पार्टी एनसीपी से आते हैं, जिसने कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है।
उन्होंने कहा है, “मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस ने जानबूझकर ऐसा किया है। कांग्रेस सेवादल ने अलग अलग नेताओं को लेकर पुस्तिका निकाली है जिसमें वीर सावरकर पर भी पुस्तक निकाली गई है। लेकिन जिस तरह से आपत्तिजनक लेख लिखा गया है मुझे लगता है, यह उचित नहीं है।” मलिक ने कांग्रेस से इस पुस्तिका को वापस लेने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा है, “वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, वैचारिक लड़ाई हो सकती है, लेकिन व्यक्तिगत लांछन लगा देने और वो भी ऐसे समय में जब व्यक्ति जीवित नहीं है, ये ठीक नहीं है। हम विनती करते हैं कांग्रेस से कि वो पुस्तक को वापस ले और जिस लेखक ने उसे लिखा है उससे वो बात करे। इस तरह की चीजें आगे न हों वो यह सुनिश्चित करें।”
क्या है मामला?
भोपाल में हुए कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में ‘वीर सावरकर, कितने वीर’ नाम की बुकलेट बांटी गई है। इस किताब में डॉमिनिक लापिए और लैरी कॉलिन्स की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ के हवाले से दावा किया गया है कि वीर सावरकर के नाथूराम गोडसे के साथ समलैंगिक संबंध थे।
इस बुकलेट में सावरकर के बारे में छपी टिप्पणियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना के साथ-साथ विनायक सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने सख़्त आपत्ति की है।
शिवसेना की प्रतिक्रिया
शिव सेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस सेवादल के बुकलेट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “सावरकर एक महान व्यक्ति थे। एक तबका उनके ख़िलाफ बोलता रहता है। वो चाहे जो भी लोग हों, ये उनके दिमाग की गंदगी दिखलाता है।”
भाजपा की प्रतिक्रिया
वहीं, भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, “वीर सावरकर के बारे में महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में उनकी तारीफ लिखी। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर उनका टिकट जारी किया। उन्होंने यह भी लिखा कि वीर सावरकर महान योद्धा थे।”
उन्होंने आगे कहा, “ये महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी के विचारों पर चलने वाली कांग्रेस नहीं है बल्कि ये वामपंथियों के विचारों पर चलने वाली कांग्रेस है। कोई वैचारिक बहस हो तो बात समझ में आती है लेकिन अश्लील, अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणियां करना न सिर्फ वीर सावरकर बल्कि सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।”
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, “इस मामले में कांग्रेस की सोच वही है जो पूरे देश की है। सावरकर की भूमिका के बारे में जो इतिहास में दर्ज है वही हमारा भी कहना है।”
उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी उन्हें भले वीर कहे लेकिन यह सच है कि जब उन्होंने अंग्रेजों से क्षमा याचना की तब कहीं जाकर वो जेल से बाहर आए। सावरकर टू नेशन थ्योरी के सबसे बड़े समर्थक थे।” वहीं, आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कांग्रेस का कहना है कि इस के बारे में सेवादल से बात की जाएगी।
पंकज चतुर्वेदी ने कहा, “इसके के बारे में सेवादल से पूछा जाएगा कि इसका सोर्स क्या है, कहां से उन्होंने ये चीजें ली हैं। क्योंकि कांग्रेस की संस्कृति किसी का अपमान करने की नहीं है और न ही हम किसी के प्रति अपत्तिजनक बातें करें।” बहरहाल इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के वजह से राज्य में कांग्रेस और भाजपा एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं।