हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज और सीआईडी चीफ के बीच चल रहे विवाद का भी पटाक्षेप हो गया है। भाजपा आलाकमान के कड़े रुख के बाद विज के तेवर भी एकाएक बदल गए हैं। विधानसभा चुनाव की सीआईडी की जिस रिपोर्ट को लेकर इतना हंगामा हुआ, उस पर विज सीआईडी के एक लाइन के जवाब से संतुष्ट हो गए हैं। इसे भाजपा आलाकमान के निर्देशों का ही असर माना जा रहा है, कि सरकार के भीतर का कोई मामला बाहर नहीं आना चाहिए।
सीआईडी प्रमुख की जिस रिपोर्ट को विज ने अधूरा बताते हुए लौटा दिया था, उसे अब उन्होंने एक लाइन के जवाब के साथ स्वीकार कर लिया है। सीआईडी के एडीजीपी की ओर से शुक्रवार को गृह मंत्री को एक लाइन में यह जवाब दिया गया कि विभाग ने विधानसभा चुनाव का हल्का अनुसार कोई विश्लेषण नहीं किया है।
रिपोर्ट पर विज ने कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने कहा कि अगर सीआईडी ने विश्लेषण ही नहीं किया तो फिर क्या कर सकते हैं। गृहमंत्री अनिल विज ने 11 दिसंबर को सीआईडी प्रमुख से विधानसभा चुनाव को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद 25 दिसंबर को रिमांडर के माध्यम से गृहमंत्री ने यह रिपोर्ट मांगी, जोकि नहीं मिली।
इस पर विज ने सीआईडी प्रमुख अनिल राव से स्पष्टीकरण मांग लिया था। 31 दिसंबर 2019 को उन्हें सीआईडी की ओर से रिपोर्ट भेजी गई, जिसे उन्होंने अधूरा बताकर लौटा दिया था। लेकिन, अचानक बदले राजनीतिक हालात में विज ने एक लाइन की ही रिपोर्ट स्वीकार कर ली है।