पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के अधिकारियों को लकीर का फकीर न बनकर दिमाग लगाकर काम करने की सलाह दी है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को हरियाणा शुभ्र ज्योत्सना पेंशन योजना का लाभ जारी करने पर फैसला ले। हाईकोर्ट ने यह आदेश चरखी दादरी निवासी दरिया सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है।
याची ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसने योजना के लिए 2018 में आवेदन किया था। उसके आवेदन पर डीसी चरखी दादरी ने सहमति देते हुए मुख्य सचिव कार्यालय को 28 फरवरी 2019 को भेज दी। मुख्य सचिव कार्यालय ने कई महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद याची ने 16 अगस्त को मुख्य सचिव को कानूनी नोटिस भेज कर उसके मामले में निर्णय लेने की मांग की।
इसके बाद भी मुख्य सचिव कार्यालय से उसके मामले में कोई कदम नही उठाया गया तो उसने स्वयं मुख्य सचिव कार्यालय में जाकर उसकी पेंशन बारे आग्रह किया, लेकिन उसका भी कोई फायदा नही हुआ। मजबूरन अब याची को याचिका दायर कर गुहार लगानी पड़ी। कोर्ट ने मुख्य सचिव कार्यालय की शैली पर सवालिया निशान लगाते हुए अधिकारियों को दिमाग का प्रयोग करने की सलाह दी है।
कोर्ट ने कहा कि अधिकारी अपने दिमाग का प्रयोग कर याची की योग्यता पर चार सप्ताह में निर्णय ले।