मोहाली स्थित वेरका मिल्क प्लांट में कार्यरत छह महिला कर्मचारियों ने प्लांट के दो पुरुष अफसरों और एक महिला कर्मचारी पर शारीरिक शोषण और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। राज्य के सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इन महिलाओं द्वारा दिए शिकायत पत्र को गंभीरता से लेते हुए जांच का जिम्मा एडीशनल चीफ सेक्रेटरी (सहकारिता) को सौंप दिया है।
सहकारिता मंत्री को लिखे पत्र की कॉपी चेयरमैन मिल्क प्लांट मोहाली, सभी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, मिल्कफेड पंजाब के मैनेजिंग डायरेक्टर, रजिस्ट्रार सहकारी सेवाएं, वित्त कमिश्नर सहकारी सेवाएं और चेयरमैन महिला कमिश्नर पंजाब को भी भेजी गई है। इनमें से एक विधवा महिला ने करीब एक माह पहले भी गुमनाम पत्र सहकारिता मंत्री को भेजकर जांच की मांग की थी।
इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। उस पत्र पर जांच का जिम्मा चंडीगढ़ प्लांट की जनरल मैनेजर को सौंपा गया था। उनके मोहाली प्लांट पहुंचने पर आरोपी अफसरों ने पीड़िता पर दबाव बनाकर मामला रफा-दफा करवा दिया था। इस बात का महिलाओं ने ताजा पत्र में भी जिक्र किया है। नए शिकायत पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे मोहाली के मिल्क प्लांट के अलग-अलग सेक्शन में काम करती हैं।
प्लांट में एक अफसर जोकि 5-6 साल पहले रिटायर हो चुका है, आज भी जुगाड़ से सीट पर काबिज है। वह महिलाकर्मियों को डरा-धमकाकर गलत काम करवाता है। इस अफसर को प्लांट के ही एक यूनियन नेता और उसके अधीन काम कर रही एक महिला का सहयोग मिल रहा है।
इस तरीके से करते हैं महिलाकर्मियों को मजबूर
शिकायत पत्र के मुताबिक सबसे पहले अफसर किसी महिला को टारगेट कर उसे परेशान करना शुरू करता है। जब महिला कर्मचारी परेशान हो जाती है तब यूनियन नेता के अधीन काम करने वाली महिला संबंधित पीड़िता को यूनियन नेता से मिलवाती है। वह आरोपी अफसर के पास पीड़िता को ले जाकर यह जताता है कि महिला उसकी करीबी है और उसे परेशान न किया जाए। इस तरह आरोपी अफसर और यूनियन नेता बाद में पीड़िता का शोषण शुरू कर देते हैं।
जांच के आदेश दिए हैं, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे : रंधावा
छह महिलाकर्मियों के शिकायत पत्र के बारे में सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने गुमनाम पत्र मिलने पर भी जांच कराई थी। अब महिलाओं ने आगे आकर शिकायत की है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और अगर कोई अफसर दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।