चंडीगढ़। पश्चिमी विक्षोभ के कारण गुरुवार को हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई। हरियाणा में दिनभर बादल छाए रहे। शाम को बारिश शुरू हो गई। रेवाड़ी में ओले भी गिरे। ठंडी हवा चली। दिन का पारा 5.5 डिग्री सेल्सियस कम हो गया। सिरसा में यह 21 डिग्री से गिरकर 15.5 डिग्री पर आ गया। वहां रात का पारा दिन के पारे से सिर्फ 2 डिग्री कम 13.5 डिग्री रहा। वहीं, रात का पारा 7.5 डिग्री तक बढ़ गया।
यह हिसार में 5.6 डिग्री से 13.1 डिग्री पहुंच गया। उधर, रेवाड़ी के गांव बिठवाना में आकाशीय बिजली गिरने से एक किशोरी की मौत हो गई। 13 वर्षीय रिया पशुओं को चारा डालने जा रही थी। उसने सिर पर आटे का कनस्तर (पीपा) लिया हुआ था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्दी के सीजन में छठी बार आए पश्चिम विक्षोभ से अब दिन में भी ठिठुरन बढ़ेगी।
हिमाचल में 154 सड़कें बंद
हिमाचल के 6 जिलों शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल स्फीति और सिरमौर में रुक-रुककर बर्फबारी हुई। शिमला में शाम को रिज पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई। प्रदेश में बर्फबारी से 154 सड़कें यातायात की अावाजाही के लिए पूरी तरह बंद हो गई।
आगे क्या: 14 दिसंबर से गहराएगी धुंध, तापमान और भी गिरेगा
शुक्रवार को भी बारिश के साथ कुछ इलाकों में ओले गिरने के आसार हैं। 14 को उत्तर हरियाणा में कुछ जगह बारिश हो सकती है। 14-15 से धुंध गहराएगी। दृश्यता काफी कम रह सकती है। पहाड़ों में हुई बर्फबारी का असर 2-3 दिन में प्रदेश में दिखेगा। रात का पारा 5 डिग्री तक कम हो सकता है।
बारिश फसलों के लिए फायदेमंद
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मौसम फसलों के लिए काफी फायदेमंद होगा। क्योंकि वर्तमान समय में सबसे अधिक गेहूं की फसल है और इसे ठंड की दरकार है। अन्य फसलों को भी इस बरसात या ठंड से फायदा मिलने के आसार हैं। ओले से फसलों को नुकसान होता है।
73 दिन में 20% अधिक बरसात
1 अक्टूबर से 12 दिसंबर तक 18.2 एमएम बरसात हुई है। इस अवधि में प्रदेश में 15.2 एमएम बारिश सामान्य मानी जाती है। यानी 20 फीसदी अधिक बारिश हुई है।