बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक आश्रय गृह में लड़कियों के कथित दुष्कर्म एवं शारीरिक उत्पीड़न के मामले में अदालत का फैसला गुरुवार को एक बार फिर टल गया। इस बार फैसला केस की सुनवाई कर रहे जज के अवकाश पर होने के कारण टल गया।
पिछली तारीख पर केस का फैसला वकीलों की हड़ताल के कारण 12 दिसंबर तक टल गया था क्योंकि आरोपियों को अदालत परिसर में नहीं लाया जा सका था। अब फैसला सुनाने के लिए कोर्ट ने 14 जनवरी 2020 की तारीख तय की है।
साकेत जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुदेश कुमार ने इस मामले में फैसला सुनाने वाले जज के छुट्टी पर होने के कारण फैसले की तारीख 14 जनवरी तक स्थगित कर दी।
इस मामले की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सुनवाई के बाद फैसला 25 अक्तूबर तक सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने 20 मार्च, 2018 को नाबालिगों से दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की साजिश रचने के अपराध में बृजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट से सामने आया था। संस्थान ने यह रिपोर्ट 26 मई, 2018 को बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों से कथित यौन उत्पीड़न का जिक्र किया गया था। यह आश्रय गृह बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक बृजेश ठाकुर चलाते थे।