पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को भारत के धर्मनिरपेक्ष छवि पर सीधा हमला करार देते कहा कि उनकी सरकार इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं होने देगी। देश के सांविधानिक लोकाचार के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कैप्टन ने कहा कि राज्य विधानसभा में बहुमत वाली कांग्रेस सदन में असांविधानिक विधेयक को रोक देगी।
अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार कानून को देश के धर्मनिरपेक्ष ताने बाने से अलग नहीं होने देगी, जिसकी ताकत उसकी विविधता में निहित है। उन्होंने कहा कि संसद को ऐसा कोई कानून पारित करने का अधिकार नहीं है, जो संविधान के मूल सिद्धांतों और भारत के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो।
सीएम ने संविधान में निहित सिद्धांत और मूल्यों के आधार पर सीएबी को अमान्य करार दिया। कैप्टन ने कहा कि कोई भी कानून जो देश के लोगों को धार्मिक तर्ज पर विभाजित करने का प्रयास करता है, वह अवैध और अनैतिक है। इसे बनाए रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। संविधान में पोषित मूल्यों की रक्षा करना और उन्हें नष्ट न होने देना एक निर्वाचित सरकार का कर्तव्य है। इस तरह के सांविधानिक उल्लंघन को वह अपने शासन में नहीं होने देंगे।
अगर दूसरे देश भी ऐसा बिल लाएं तो भारतीयों का क्या होगा
कैप्टन ने कहा कि जब हमने देश को प्रभुसत्ता संपन्न, समाजवादी, धर्म निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाने और इसके नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का भरोसा देने का एलान किया है तो भारत की आबादी के बड़े वर्ग को सुरक्षा से अलग कैसे छोड़ा जा सकता है।
नागरिकता को कानून से जोड़कर नागरिकता संशोधन बिल देश की नींव पर जोरदार हमला करेगा। अगर दूसरे देश भी ऐसे कानून लाने का फैसला कर लें तो वहां बड़ी संख्या में बसे भारतीयों का क्या बनेगा? उनके साथ कैसा सलूक होगा अगर वे देश फैसला लें कि उनके धार्मिक विश्वास के आधार पर भारतीयों की नागरिकता वापस ले ली जाए।
केंद्र को सभी दलों से सलाह करनी चाहिए थी
कैप्टन ने कहा कि संसद में बहुमत के बल पर इस बिल को पास कराने की बजाए केंद्र सरकार को इस मसले पर सभी पार्टियों के साथ सलाह करनी चाहिए थी और अगर यहां के लोगों के हित में ऐसे कानून की जरूरत महसूस होती तो इस पर आम सहमति पैदा करने की कोशिश की जाती।
मुसलमानों के पक्ष में उतरे सुखबीर
नागरिकता संशोधन कानून पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) सुप्रीमो सुखबीर बादल मुसलमानों के पक्ष में आ गए हैं। वह किसी भी कीमत पर अल्पसंख्यकों की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहते। सुखबीर का कहना है कि शिरोमणि अकाली दल ने बिल में मुस्लिम शब्द को शामिल करने की मांग की थी। सुखबीर के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। पूरे विश्व को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम शब्द का जिक्र बिल में होना चाहिए था। जो लोग बरसों पहले अपना घर छोड़ कर भारत में आए हैं, उनका घर जरूर भारत में होना चाहिए।