हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को घोषणा की है कि राज्य में पुलिस भर्ती में ‘अग्निवीरों’ को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में यह ठोस कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री ने पंचकूला में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सेना में अपनी सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को राज्य में नौकरी का अवसर मिलेगा और इसके लिए एक अलग पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिस पर वे पंजीकरण कर सकेंगे। इसके बाद शैक्षणिक योग्यता के आधार पर उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकार पहले ही “हरियाणा अग्निवीर नीति-2024” को लागू कर चुकी है, जिसके तहत अग्निवीरों को नौकरी और अन्य लाभों की गारंटी दी गई है।
सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि जो अग्निवीर स्वरोजगार या उद्यमिता की राह अपनाना चाहते हैं, उन्हें सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, यदि कोई उद्योग अग्निवीरों को ₹30,000 या उससे अधिक मासिक वेतन पर नियुक्त करता है, तो सरकार उस उद्योग को प्रति वर्ष ₹60,000 की सब्सिडी देगी।
जो अग्निवीर निजी सुरक्षा क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, उन्हें हथियार लाइसेंस प्रदान करने में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए उन्हें पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2023-24 में हरियाणा से 2,893 अग्निवीरों की सेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती हुई, जबकि 2022-23 में यह संख्या 2,227 थी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा जून 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष की उम्र के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में भर्ती किया जाता है, जिनमें से 25 प्रतिशत को आगे 15 वर्षों तक सेवा में रखा जाता है।
इस योजना की घोषणा के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी देने की गारंटी दी थी।
रविवार की बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा, सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव साकेत कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।