पिछले तीन दिनों में हरियाणा में करीब एक लाख किसानों ने 5.5 लाख एकड़ जमीन पर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवाई है। अब तक राज्य के 2,776 गांवों के 1.56 लाख किसानों ने 9.18 लाख एकड़ कृषि भूमि की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की है और मुआवजे की मांग की है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यह नुकसान हुआ है।
पिछले दो दिनों में महेंद्रगढ़ और हिसार में सबसे अधिक नुकसान दर्ज किया गया है, जहां खेत जलमग्न हो गए हैं और किसान पानी निकालने के लिए जूझ रहे हैं। सरकारी पोर्टल के अनुसार, हिसार सबसे प्रभावित जिला है, जहां 276 गांवों के 24,087 किसानों ने 1.53 लाख एकड़ जमीन पर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट की है। इसके बाद महेंद्रगढ़ में 373 गांवों के 33,348 किसानों ने 1.46 लाख एकड़, चरखी दादरी में 170 गांवों के 27,027 किसानों ने 1.38 लाख एकड़, भिवानी में 110 गांवों के 21,543 किसानों ने 1.37 लाख एकड़, झज्जर में 260 गांवों के 12,856 किसानों ने 83,606 एकड़ और रोहतक में 50 गांवों के 8,213 किसानों ने 55,250 एकड़ जमीन पर नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा नहीं करवाया है, वे भी पोर्टल के माध्यम से मुआवजे का दावा कर सकते हैं। वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमित किसानों को निजी कंपनियां मुआवजा उपलब्ध कराती हैं।
21 अगस्त को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 7 जिलों के 188 गांवों के किसानों के लिए पोर्टल शुरू करने की घोषणा की थी। बाद में इसे 10 सितंबर तक 12 जिलों के 1,402 गांवों के लिए खोल दिया गया।
इस प्राकृतिक आपदा से हुआ नुकसान उस समय सामने आया है जब पिछले महीने किसान पहले ही सदर्न राइस ब्लैक-स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV) की वजह से भारी हानि झेल चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार की बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्य की तैयारी बेहद अपर्याप्त है और उन्होंने फसलों के नुकसान पर 100% मुआवजे की मांग की। हुड्डा ने कहा कि सरकार को विशेष गिरदावरी की प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी चाहिए और मकानों व दुकानों के नुकसान का भी सर्वे कर मुआवजा घोषित करना चाहिए।
पूर्व विधायक रण सिंह मान ने कहा कि चरखी दादरी और भिवानी जिलों में 90 से 100% तक फसलें बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने सरकार से विशेष गिरदावरी करवाने और किसानों को राहत देने की मांग की।
हिसार के कांग्रेस नेता सुरेंद्र सैनी ने कहा कि जिले के 80 से अधिक गांव जलमग्न हैं और कपास व बाजरे की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने प्रशासन से किसानों को मोटर पंप उपलब्ध करवाने और खेतों से पानी निकालने में मदद करने की मांग की।