नई दिल्ली। फीस वृद्धि मुद्दे के विरोध में जेएनयू के छात्र-छात्राएं मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी दिल्ली की सड़कों पर उतर सकते हैं। प्रदर्शनकारी जेएनयू छात्रों का कहना है कि मांगें माने जाने तक हमारी संघर्ष जारी रहेगा। इसके लिए मंगलवार को पत्रकार वार्ता का रणनीति का खुलासा किया जाएगा।
सोमवार देर रात छात्र वापस जेएनयू लौट आए थे, लेकिन मंगलवार फिर उनका विचार सडकों पर उतरने का है और फिर संसद जाने का है। ऐसे में मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली की सड़कें जाम हो सकती हैं। कहा जा रहा है कि प्रदर्शन आगे भी जारी रह सकता है। इसकी रणनीति छात्र मंगलवार को तय करेंगे।
- जेएनयू छात्र-छात्राओं ने अन्य विश्वविद्यालयों के लोगों से भी साथ आने की अपील की है। साथ ही कहा कि 18 नवंबर देश के इतिहास के लिए काला दिन है।
- सोमवार को हज़ारों छात्र संसद भवन की तरफ जाने की कोशिश में थे, लेकिन दिल्ली पुलिस के 1200 से ज़्यादा जवानों ने उन्हें रोक दिया।
- जेएनयू के बाहर बैरिकेडिंग की गई थी, लेकिन छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पुलिस छात्रों के बीच घमासान हुआ।
- दिल्ली पुलिस-छात्रों में भिड़ंत के दौरान कई छात्रों और पुलिस वालों को चोट आई और फिर अलग अलग रास्तो से छात्र संसद जाने के लिए ज़ोर बाग तक पहुंच गए।
- मार्च के दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया तो रात को छात्रों का एक दल एच आर डी मिनिस्ट्री में जाकर जॉइंट सेक्रेटरी से मिला लेकिन उनके आश्वासन से सहमत नहीं हुआ।
- छात्र-छात्राएं तत्काल 1700 रुपये मेंटेंनेंस चार्च खत्म करने की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि पहले यह शून्य था और अब सीधे तकरीबन 2000 रुपये कर दिया गया है, जो छात्रों के साथ गलत हो रहा है।
- छात्रों की आपत्ति इस बात से भी है कि जेएनयू कैंपस की लाइब्रेरी को 24 घंटे नहीं खोला जा रहा है, जबकि अन्य विश्वविद्यालयों में 24 घंटे खुली रहती है।