चंडीगढ़ — लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस को फिर से संगठित करने के उद्देश्य से बुधवार को चंडीगढ़ में वरिष्ठ प्रदेश नेताओं के साथ दो महत्वपूर्ण बैठकें कीं। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि राज्य इकाई 30 जून तक सभी 22 जिलों में ज़िला अध्यक्षों की नियुक्ति करे और ज़िला स्तरीय समितियों का गठन पूरा कर ले।
गौरतलब है कि कांग्रेस 2014 से हरियाणा की सत्ता से बाहर है और पार्टी लगातार गुटबाज़ी से जूझ रही है। यही वजह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में अनुकूल माहौल के बावजूद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। पिछले 11 वर्षों से ज़िला स्तर पर संगठनात्मक ढांचा तक नहीं बन पाया है।
राहुल गांधी द्वारा पेश की गई पुनर्गठन योजना की जानकारी देते हुए पार्टी के राज्य मामलों के प्रभारी बी. के. हरिप्रसाद ने बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों और राज्य पर्यवेक्षकों की टीमें 30 जून से पहले सभी 22 ज़िलों का दौरा करेंगी। वे प्रत्येक ज़िले के लिए छह संभावित नामों की सूची तैयार करेंगे, जिनमें से पार्टी नेतृत्व एक को ज़िला अध्यक्ष नियुक्त करेगा। इसके साथ ही ज़िला समितियों का गठन भी इसी समयसीमा में किया जाएगा।
हरिप्रसाद ने कहा कि ज़िला अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों की आयु 35 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उन्होंने कम से कम पांच वर्षों तक पार्टी में सक्रिय रूप से काम किया हो। इसके अलावा, किसी प्रमुख व्यक्ति या प्रसिद्ध खिलाड़ी को भी यह ज़िम्मेदारी सौंपी जा सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी ने गुटबाज़ी को सख्ती से नकारते हुए कहा है कि अब किसी भी कीमत पर आपसी खींचतान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राहुल गांधी बुधवार दोपहर को पार्टी के चंडीगढ़ कार्यालय (सेक्टर 9) पहुंचे और लगभग तीन घंटे तक वहीं रुके। उन्होंने सबसे पहले हरियाणा के 17 वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष उदय भान, कांग्रेस महासचिव व सिरसा सांसद कुमारी शैलजा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बीरेन्द्र सिंह, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव, सांसद दीपेन्द्र हुड्डा और अशोक तंवर शामिल रहे। इसके बाद उन्होंने पार्टी के पर्यवेक्षकों के साथ अलग से बैठक की। दोनों बैठकें कुल मिलाकर ढाई घंटे से अधिक चलीं।
हरियाणा कांग्रेस के लिए यह कवायद पार्टी को ज़मीनी स्तर पर मजबूत करने की एक अहम पहल मानी जा रही है।