गांव रामपुर खोर आज भी जन समस्याओं से घिरा हुआ है। कहीं गलियों में जलभराव है तो कहीं गंदगी ही गंदगी है। न पानी निकासी के लिए गलियों में नालियां हैं और न ही नालों से पानी निकासी के इंतजाम हैं। सड़कें टूटी पड़ी हैं। गांव की पोखर में इतनी गंदगी हैै कि पशुओं के पीने तक पानी है। ग्रामीण पिछले पांच साल से लगातार गांव की समस्याओं को दूर कराने की मांग ग्राम पंचायत से लेकर अधिकारियों व विधायक तक से करते आ रहे हैं, लेकिन न तो आज तक सरपंच ने ध्यान दिया और न ही अधिकारियों व विधायक ने इस गांव की तरफ ध्यान दिया है। करीब पांच हजार की आबादी वाला इस रामपुर गांव में पिछले कई वर्षों से जनसमस्याएं हैं। पिछले 15 साल में कोई भी ग्राम पंचायत गांव की समस्याओं को दूर नहीं करा पाई। गांव का मुख्य रास्ता बेहद खराब है। गांव के अंदर घुसने से पहले ही लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ता है। अधिकांश गलियों में जलभराव व गंदगी दिखाई देती है। जलभराव के कारण ज्यादातर सड़कें टूट चुकी हैं। गंदगी का आलम यह है कि देखकर लगता है कि कितने महीनों से सफाई नहीं हुई है। रात को गांव में अंधेरा रहता है। स्ट्रीट लाइटें लगी तो दिखाई देती हैं, लेकिन वे जलती नहीं हैं।
गांव में पानी निकासी के बिल्कुल इंतजाम नहीं है। पिछले पांच साल में ग्राम पंचायत ने गांव के विकास के लिए कोई काम नहीं किया। हालात ये हैं कि गलियों में जलभराव व गांव में गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है।