बरोदा विधानसभा सीट पर उप चुनाव के बाद अब सियासी दल वीरवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की तैयारी में जुट गए हैं। मानसून सत्र की पिछली बैठक में कोरोना के चलते भले ही प्रश्नकाल नहीं हो सका था, लेकिन इस बार विपक्षी दलों के साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा के विधायकों के कई सवाल प्रदेश सरकार को असहज कर सकते हैं। प्रश्नकाल के लिए विधायकों ने कई ऐसे मुद्दे उठाए हैं जिन पर टकराव तय है।
कल शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए विपक्ष के साथ ही भाजपा-जजपा विधायकों ने भी लगाए तीखे सवाल
तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने अवैध खनन और ओवरलोडिंग का मुद्दा उठाते हुए पूछा है कि दोषी स्टोन क्रशर मालिकों और सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। अवैध खनन और ओवरलोडिंग के कितने मामले अभी तक पकड़ में आए हैं। साथ ही बीमा कंपनियों द्वारा किसानों के दावों को बगैर कोई विशेष कारण बताए अस्वीकृत करने पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि बीमा कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है।
निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने पूछा है कि किस नीति के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है। क्या इस तरह के प्रावधान को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है। उन्होंने दूसरे सवाल में पूछा है कि क्या प्रदेश में आउटसोर्सिंग नीति के तहत कर्मचारियों की नियुक्ति में अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान है। यदि हां तो इसका ब्योरा क्या है और अगर नहीं तो कब तक यह व्यवस्था लागू होगी। इसके अलावा वन विभाग से सरकारी कार्यालयों में खरीदे जाने वाले फर्नीचर और भविष्य में खरीद के प्रस्ताव तथा एचएसआइडीसी द्वारा प्लाटों के आबंटन में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के प्रावधान संबंधी जानकारी मांगी है।