रेवाड़ी: कोरोना काल में किसी भी तरह के कार्यक्रमों की जिला प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी जा रही है। दिवाली के बाद सामूहिक तौर पर मनाए जाने वाले छठ पूजा कार्यक्रम की भी इस बार अनुमति मिलने की उम्मीद न के बराबर ही है। वहीं छठ पूजा आयोजन करने वाली समितियों के पदाधिकारी भी समाज के लोगों को इस बार कोरोना संक्रमण काल में अपने-अपने घरों पर ही पूजा करने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि एक समिति की ओर से उपायुक्त को पत्र देकर छठ पूजा की अनुमति मांगी गई है लेकिन संभावना बेहद कम है।
रामलीला व दशहरा की भी नहीं मिली थी अनुमति
जिला प्रशासन की ओर से विशेष एहतियात बरती जा रही है। रामलीला समितियों की ओर से आयोजन को लेकर अनुमति मांगी गई थी लेकिन नहीं दी गई, जिसके चलते जिला में इस बार एक भी जगह रामलीला का मंचन नहीं हो पाया। वहीं अनुमति नहीं मिलने के कारण ही रावण दहन भी नहीं हो सका। अब छठ पूजा की अनुमति मिलना भी संभव नहीं क्योंकि इसके आयोजन में भी सैकड़ों लोग एकत्रित होंगे तथा संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। जिले में पहले ही कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन हालातों में जिला प्रशासन किसी भी तरह का जोखिम लेने को तैयार नहीं है। जिला में बड़ी तादाद में पूर्वांचल के लोग रह रहे हैं जो सामूहिक तौर पर इस त्योहार को मनाते आए हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा। इस बार 20 नवंबर शाम से 21 नवंबर को सुबह 7 बजे तक छठ पूजा का आयोजन होगा।
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छठ पूजा पूर्वांचल राज्यों के लोगों का दिवाली की तरह बड़ा त्योहार है। हम हर बार सामूहिक तरीके से इसका आयोजन करते रहे हैं। हमने अनुमति के लिए पत्र उपायुक्त महोदय को दिया है। अगर अनुमति मिलती है तो ठीक है अन्यथा घरों में ही पूजन किया जाएगा।
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पूर्वांचल सेवा समिति की ओर से इस बार किसी प्रकार का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। कोविड-19 की महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन से अनुमति लेने ही नहीं जा रहे हैं। समाज के लोगों से भी घर पर रहकर पूजा अर्चना करने का आह्वान किया गया है। छठ पूजा को लेकर एक माह पहले से ही तैयारी करनी पड़ती है। इस बार कोई तैयारी नहीं कर रहे हैं।