करीब पांच वर्ष पूर्व ट्रेन लूटने की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किए गए आरोपित को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। इसके बाद शुक्रवार को जीआरपी ने उत्तर प्रदेश के जिला शामली में छापेमारी की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी। इससे पहले आरोपित को वर्ष 2016 में जीआरपी ने ट्रेन लूट की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया था। जहां से जमानत पर आने के बाद आरोपित फरार हो गया था।
जनवरी 2016 में जीआरपी ने ट्रेन लूट की योजना बनाते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार किया था। आरोपितों ने जीआरपी को बताया था कि वह ट्रेन की पटरी पर सिक्का रखकर सिग्नल को रेड कर देते थे और रात के अंधेरे का फायदा उठाकर ट्रेन लूटने की योजना बना रहे थे। सूचना के आधार पर जीआरपी एसआइ राजपाल और आरपीएफ एसआइ वरुण दलाल ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया तो दो आरोपितों ने तमंचे और चाकू के बल पर लूटने का प्रयास किया, इसी दौरान दो अन्य आरोपित भी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस को देखकर वह मौके से फरार हो गए थे।
पुलिस ने विक्की उर्फ फुरकान निवासी देहली गेट अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, अरुण निवासी रामलीला पड़ाव रोहतक को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपितों ने अपने दो अन्य साथियों के नाम विशाल निवासी थाना खानपुर जिला शामली और कृष्ण उर्फ कश्मीरा निवासी शामली बताया था। एफआइआर के बाद भी आरोपित कोर्ट में पेश नहीं हुआ था।
जिसके बाद कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। कोर्ट की कार्रवाई के बाद जीआरपी की टीम ने शुक्रवार को आरोपित के खिलाफ एक और केस दर्ज करते हुए शामली में छापेमारी की। जीआरपी थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।