। नगर निगम हिसार में प्रॉपर्टी टैक्स में भ्रष्टाचार के मामले में निकाय मंत्री अनिल विज ने संज्ञान लिया है। विज ने प्रॉपर्टी टैक्स की 5000 रसीदों को जीरों करने का मामले में जांच कमेठी गठित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच में भ्रष्टाचार के मामले अक्सर उठते रहते हैं। पिछले वर्ष 19 जुलाई 2019 को निगम की साधारण बैठक में हाउस टैक्स शाखा में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा था। इसमें बात सामने आई थी कि निगम कर्मचारियों व अधिकारियों ने मिलीभगत कर हाउस टैक्स ब्रांच की 5000 रसीदें जीरो कर दीं।
इन रसीदों से करोड़ों रुपये का हाउस टैक्स आना था।
इससे सरकार को चपत लगी। इसके बाद 27 अगस्त 2019 को मेयर ने बैठक कर पार्षद प्रीतम सैनी और भूप ङ्क्षसह रोहिल्ला की कमेटी बनाकर जांच के आदेश दे दिए थे। दोनों पार्षद जांच के लिए दस्तावेज मांगते रहे, मगर निगम अफसरों ने दस्तावेज देने के बजाय मामले में अंदरखाते जांच पूरी दिखा दी। जब इसकी जानकारी पार्षदों को लगी तो हंगामा मच गया। इसके बाद मेयर व पार्षदों ने मुख्यमंत्री सहित निकाय मंत्री को जांच के लिए लिखा था और स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की थी। इसी मामले में मंत्री ने बुधवार को जांच के आदेश दिए हैं। अगर सही तरीके से जांच होती है तो इसमें निगम के कई बड़े अफसर लपेटे में आएंगे।
मेयर के विज से मुलाकात के बाद आदेश जारी
शहर के विकास, जनता की समस्याओं और जनप्रतिनिधियों की मांगों को मेयर गौतम सरदाना ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के सामने रखा। बुधवार को मेयर गौतम सरदाना ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। वहीं बीते दिन उन्होंने शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज से मुलाकात की। इस बैठक में मेयर गौतम सरदाना में प्रॉपर्टी टैक्स में फैले भ्रष्टाचार के मामले को रखा। अवैध कालोनियों को अप्रूवड करने जैसे मुद्दे मेयर गौतम सरदाना ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष रखे। मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों पर मेयर के साथ विस्तार से बातचीत की और जल्द ही सभी का समाधान करने का आश्वासन दिया।
जांच कमेटी में शामिल पार्षद ने रखी थी यह राय
जांच कमेटी सदस्य व पार्षद प्रीतम सैनी ने कहा था कि अफसरों ने जो जांच की है, वह एक तरह फर्जीवाड़ा है। कमेटी सदस्यों को पता ही नहीं और जांच पूरी करना भ्रष्टाचार का ही रूप है। गृहकर से शहर की जनता बड़े स्तर पर परेशान है। इस मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए, तभी सच सामने आएगा और निगम के चक्कर काट-काट कर परेशानी झेलने वाली जनता को इंसाफ मिल पाएगा।
जांच कमेटी सदस्य व पार्षद भूप सिंह रोहिल्ला ने कहा था कि उन्होंने जांच रिपोर्ट पढ़ी है। इसमें अफसरों ने कलाकारी दिखा रखी है। उन्होंने अपने बचाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। गृहकर कर में बड़ी गड़बड़ी है। इस मामले में मेयर से बातचीत की है, हर हाल में इस मामले में जांच होगी।
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दस्तावेज तक कर दिए गए थे गुम
जब अधिकारियों ने अंदरखाते जांच पूरी कर दी थी तो मेयर गौतम सरदाना जांच रिपोर्ट देखकर हैरान हुए थे कि अफसरों ने अपनी मनमर्जी करते हुए जांच को कैसे पूरा कर दिया। उनमें न तो जांच के सभी बिंदु शामिल किए और न ही इस मामले में पार्षदों को रिकार्ड दिखाया। यहां तक कि जांच पूरी करने में पार्षदों के हस्ताक्षर तक नहीं थे। ऐसे में जांच पूरी कैसे हो सकती है। इस इस मामले में जो दस्तावेज गुम हुए थे, उसमें भी मेयर ने जवाब तलब किया था, मगर कोई जवाब नहीं मिला।
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मेयर ने इन मुद्दों पर की विज व सीएम से मुलाकात
– 50 फीसदी से ज्यादा विकसित कालोनियों व विकास नगर को अप्रूवड करने की मांग रखी। इसके अलावा टीपी स्कीम में सबडिवीजन को अनुमति दी जाए, ताकि नक्शे पास हो सकें।
– नगर सुधार मंडल की स्कीमों में टाइम एक्सटेंशन फीस का वक्त बढ़ाने की मांग की।