सरकारी बैंक अब आपके दरवाजे तक अपनी सेवाएं पहुंचाएंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए डोर स्टेप बैंकिंग सेवा को लॉन्च किया है. वित्त मंत्री ने इस मौके पर कहा कि अर्थव्यवस्था को उबारने में बैंकों की भूमिका एक उत्प्रेरक की तरह है. सीतारमण ने कहा कि जितनी तेजी से भारत ने जनधन, आधार और मोबाइल को अपनाया है, वह दुनिया भर के देशों के लिए नजीर है.’
घर बैठे उठाएं बैंकिंग सुविधाओं का फायदा
ये कदम EASE रिफॉर्म का हिस्सा है जिसे वित्त सेवा विभाग ने 2018 में शुरू किया था. वित्तीय सेवाओं के सचिव डेबाशीष पांडा ने कहा कि ‘इस सेवा के शुरू होने के बाद अब कोई भी अपने घर से बैठे बैठे बैंकिंग सुविधाओं का फायदा उठा सकेगा.’
वित्त मंत्री ने डोर स्टेप बैंकिंग सर्विसेज की शुरुआत करते हुए कहा कि बैंकों को अपने कोर बिजनेस पर ध्यान देना चाहिए, बैंकों को उन इलाकों में भी पहुंचना चाहिए, जहां अब तक बैंकिंग नहीं पहुंच सकी है. उन्होंने कहा कि बैंक के हर स्टाफ को सरकार की सभी स्कीमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, जिन्हें बैंक की तरफ से लोगों को देने की पेशकश की जा रही है.’ इस डोरस्टेप बैंकिंग की नींव भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ साल पहले रखी थी. पब्लिक सेक्टर बैंकों ने एक साथ मिलकर एक कॉमन सर्विस प्रोवाइडर रखा, जो उनके ग्राहकों तक सेवाएं पहुंचा सके।सभी को मिलेगी डोर-स्टेप बैंकिंग
पहले ये तय किया गया था कि डोरस्टेप बैंकिंग की सुविधा सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को दी जाएगी, जिन्हें बैंक आने में मुश्किल होती है. कोरोना महामारी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने आदेश भी दिया था कि 70 साल से ज्यादा सभी लोग और दिव्यांगों को डोरस्टेप बैंकिंग सेवा दी जानी चाहिए.
अब यह सेवा हर किसी के लिए है. इनका इस्तेमाल पब्लिक सेक्टर बैंक के ग्राहक वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप और कॉल सेंटर के जरिए कर सकेंगे. ये सेवाएं देश भर में करीब 100 सेंटर्स से एजेंट के जरिए लोगों तक पहुंचाई जाएंगी. डोरस्टेप बैंकिंग की ये सेवाएं अगले महीने से यानि अक्टूबर से शुरू हो जाएंगी. पब्लिक सेक्टर बैंकों के ग्राहक डोरस्टेप सेवा के लिए थोड़ा शुल्क भी चुकाना पड़ेगा.
फिलहाल केवल नॉन- बैंकिंग सेवा्एं जैसे कैश इकट्ठा करने और डिमांड ड्राफ्ट डालने, फॉर्म 15G/15H पिक करने, IT/GST चालान उठाने, अकाउंट स्टेटमेंट देने, डिपॉजिट रिसीट की डिलिवरी पहुंचाने जैसी सुविधाएं मिल रही हैं.