कोविड-19 के चलते नियमित कक्षाएं न लगने के कारण शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम ई-विद्या कार्यक्रम आरंभ किया है। यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों में सामुदायिक रेडियो केंद्रों के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। महेंद्रगढ़ जिले के रेडियो अरावली सामुदायिक केंद्र पर रविवार को छोड़कर प्रतिदिन दोपहर बारह बजे से कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।
आकाशवाणी के माध्यम से कोविड-19 के कारण देश में लगभग 25 करोड़ छात्र अपने अध्यापकों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि ज्यादातर जगह पर ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं लेकिन सामुदायिक रेडियो केंद्र की इसमें विशेष भूमिका रहेगी। इसमें एनसीईआरटी की प्रत्येक पुस्तक के लिए पाठ्यक्रम आधारित पाठों का निर्माण किया गया है। यह कार्यक्रम बहुत ही रोचक तरीके से इस प्रकार तैयार किए गए हैं कि छात्रों को कक्षा में बैठे होने का आभास होगा।
इस कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम ई – विद्या कार्यक्रम किया रेडियो अरावली सामुदायिक केंद्र के माध्यम से किया जा रहा है प्रसारित नारनौल , 11 अगस्त । कोविड -19 के चलते नियमित कक्षाएं न लगने के कारण शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम ई – विद्या कार्यक्रम शूरू किया है । यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों में सामुदायिक रेडियो केंद्रों के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है । महेंद्रगढ़ जिले के रेडियो अरावली सामुदायिक केंद्र पर रविवार को छोड़कर हर रोज दोपहर 12 बजे इन कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहा है । भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय निर्देशानुसार यह कार्यक्रम शुरू किया गया है । आकाशवाणी के माध्यम से कोविड -19 के कारण देश में लगभग 25 करोड़ छात्र अपने अध्यापकों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं । ऐसी स्थिति में शिक्षा को ध्यान में रखते हुए और उनकी सहजता को बरकरार रख सरकार ने।यह कदम उठाया है । हालांकि ज्यादातर जगह पर ऑनलाईन कक्षाएं चल रही हैं लेकिन सामुदायिक रेडियो केंद्र की इसमें विशेष भूमिका रहेगी । इसमें एनसीईआरटी की प्रत्येक पुस्तक के लिए पाठ्यक्रम आधारित पाठों का निर्माण किया गया है । यह कार्यक्रम बहुत ही रोचक तरीके से इस प्रकार तैयार किए गए हैं कि छात्रों को कक्षा में बैठे होने का आभास होगा । इस पहल की वजह से बच्चे अपनी शिक्षा की ओर एक बार फिर से ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।