फरीदाबाद, 10 अगस्त: पुलिस कमिश्नर फरीदाबाद, ओपी सिंह ने आज अपने कार्यालय सेक्टर 21c में बुलिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक को लॉन्च किया है। पुलिस कमिश्नर ने एंटी बुलिंग कैम्पेन की ब्रांड एंबेसडर फरीदाबाद के रहने वाले श्रुति और जीवन को बनाया है।
रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय मनोहर लाल ने फरीदाबाद पुलिस के इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पेज का अनावरण कर फरीदाबाद पुलिस के दबंगई-रोधी अभियान ‘एंटी-बुलिंग कैम्पेन’ की शुरुआत की थी।
क्या है इस अभियान का मकसद
इस अभियान का मकसद हिंसक व्यवहार को बढ़ावा देने वाली समाज विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य घर,पड़ोस, स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थल पर दबंगई की समस्या को चिह्नित करना और इस खतरे का मुकाबला करने के लिए लक्षित कार्यक्रमों को लागू करना है।
बुलिंग वास्तव में एक ऐसी क्रिया है, जिसमें सामने वाले को प्रताड़ित किया जाता है, उसे धमकी दी जाती है या फिर डराया जाता है। जो बच्चे बुलिंग का शिकार होते हैं, उनका स्कूल का काम और सेहत बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है। कक्षा में ध्यान नहीं दे पाना, आत्मविश्वास की कमी, तनाव, अवसाद जैसी समस्याएं उनमें पैदा हो जाती हैं।
फिजिकल बुलिंग- इसमें लात-घूंसे मारना, हाथा-पाई करना, धक्का देना या किसी भी तरह से चोट पहुंचाना शामिल है।बुलिंग- दूसरों के सामने नाम बिगाडऩा, चिढ़ाना, आत्म विश्वास और आत्म सम्मान को चोट पहुंचाने वाली बातें कहना।
सोशल बुलिंग- दूसरों को यह कहना कि इससे दोस्ती मत करो, यह अच्छा नहीं। इससे बुलिंग का शिकार बच्चा अकेलापन महसूस करता है। साइबर बुलिंग- मोबाइल, ई-मेल्स, चैट रूम्स या सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए परेशान करने वाले मैसेज भेजना।
बुलिंग को आमतौर पर लोग इतना संजीदगी से नहीं लेते लेकिन कई मामलो में क्लासरूम बुलिंग के कारण बच्चे डिप्रेशन का शिकार होते हैं।
यह अभियान विशेष रूप से किशोरों को लक्षित रहेगा, जोकि इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित वर्ग है। डराने-धमकाने की प्रवृत्ति (बुलिंग) पीडि़त व्यक्ति के आत्मविश्वास को नष्ट कर देती है, उनके व्यक्तित्व विकास को बाधित करती है, उनकी सामाजिक बुद्धिमत्ता को प्रभावित करती है और उन्हें अवसाद और अन्य बीमारियों की तरफ धकेलती है।
इस अभियान के तहत, लोगों को यूजरनेम @FBDpolice के साथ इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर फॉलो करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस पर डराने-धमकाने की प्रबलता के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए संवादमूलक (इंटरैक्टिव) पोस्ट डाली जाएंगी। यह बदमाशी के शिकार लोगों के लिए एक मंच भी होगा, जहां वे डराने-धमकाने वालों की रिपोर्ट कर सकते हैं। पुलिस ‘यूथ-एट-रिस्क’ के साथ काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से दबंगई करने वालों की काउंसलिंग करके इसका फॉलो-अप करेगी।
पुलिस हिंसक और बिगडै़ल किस्म के लोगों के खिलाफ कानून की उपयुक्त धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई करेगी।
यह पहल फरीदाबाद पुलिस के ‘टीन एज पुलिस’ कार्यक्रम का हिस्सा है। इस अवधारणा का मकसद शुरुआती चरण में पारस्परिक और समूह संबंधों में हिंसा और धमकी की गुंजाइश को खत्म करना है।
‘एंटी-बुलिंग कैम्पेन’ उन श्रृंखलाओं में से एक है जो बाद में खासकर किशोरों के लिए घातक अन्य मुद्दों जैसे ड्रग्स, जुआ और शराब की लत, ऑनलाइन धोखाधड़ी और मानव तस्करी को कवर करेगा।
इस पहल के माध्यम से, किशोरों में सामाजिक कौशल व सहानुभूति विकसित करने और स्वैच्छिक रूप से कानून के पालन की भावना जगाने का काम किया जाएगा ताकि वे आगे चलकर जिम्मेदार नागरिक बनें।