केंद्र सरकार ने चीन पर दूसरा डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 47 चाइनीज़ ऐप्स (47 chinese app ban) को बैन कर दिया है. खास बात ये है कि ये 47 ऐप्स पहले ही बैन हो चुके 59 ऐप्स के क्लोन (clone Apps) थे, जिन्हें अभी भी कई यूज़र्स इस्तेमाल कर रहे थे. 29 जून को बैन हुए 59 ऐप्स की लिस्ट में टिकटॉक, शेयरइट, Kwai, यूसी ब्राउजर, Baidu map, शीन, क्लैश ऑफ किंग्स, डी यू बैटरी सेवर, हेलो, लाइक, यूकैम मेकअप, Mi Community जैसे ऐप्स मौजूद थे.
लेकिन सरकार द्वारा बैन किए जाने के बाद भी इनमें से 47 ऐप भारत में क्लोनिंग का रास्ता अपनाकर चलाई जा रहे थे. इन ऐप में से टिकटॉक की बात करें तो ये ‘TikTok Lite’, कैमस्कैनर ‘Camscanner Advance’, Helo Lite, Shareit Lite, Bigo LIVE lite, VFY lite के तौर पर मौजूद थे, जिसे भारतीय यूज़र अभी इस्तेमाल कर पा रहे थे. हालांकि सरकार के इस कदम के बाद ये ऐप्स पूरी तरह से बंद हो गए हैं.
क्या होते हैं क्लोन ऐप्स?
क्लोन ऐप बिलकुल ओरिजिनल ऐप की तरह ही दिखते हैं, और इनके फंक्शन भी उसी तरह काम करते हैं. कई बार कंपनियां ऑफिशियली अपनी ऐप्स का लाइट वर्जन लॉन्च करती हैं, जो कि यूज़र्स के फोन स्टोरेज को ध्यान में रखकर बनाया जाता है. ज़्यादातर मामलों में ऐसे ऐप्स के साइज़ कम होते हैं, और कुछ फीचर्स भी नहीं दिए जाते. लेकिन देखने में और इस्तेमाल करने में ये ऐप्स बिलकुल ओरिजिनल ऐप की तरह होते हैं.
चीनी कंपनियों को दी थी चेतावनी
सरकार ने चीनी कंपनियों के 59 ऐप पर पाबंदी लगाने के बाद पिछले हफ्ते इस आदेश का कड़ाई से पालन करने को कहा और उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन संभी कंपनियों को पत्र लिखकर आगाह किया कि इन प्रतिबंधित ऐप का किसी भी रूप से सीधे या परोक्ष रूप से उपलब्धता और परिचालन जारी रहना न केवल अवैध है बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून एवं अन्य संबंधित प्रावधान के तहत दंडनीय अपराध है.
प्रतिबंधित सूची में शामिल अगर कोई भी ऐप किसी अन्य माध्यम से भारत में उपयोग के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उपलब्ध कराया जाता है, इसे सरकारी आदेश का उल्लंघन माना जाएगा. उसने कहा कि इन सभी कंपनियों को निर्देश दिया जाता है कि वे मंत्रालय के आदेश का कड़ाई से पालन करें और ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.