सीएम सिटी करनाल (Karnal) में एक दुकानदार ने फंदा लगाकर जान दे दी. बताया जा रहा है कि कोरोना के कारण उसका काम ठीक नहीं चल रहा था जिस वजह से वो परेशान था. लेकिन परिवार (Family) ने इस दुख की घड़ी में भी मृतक की आंखें दान कर समाज में मिसाल कायम की.
बता दें कि देश और प्रदेस कोरोना कहर जारी है. देश में लाखों लोग इससे संक्रमित हैं और ये खतरनाक वायरस हजारों की जान ले चुका है. इस महामारी ने सारे कामधंधे चौपट कर दिए हैं. करनाल में 43 साल एक दुकानदार ने काम ठप्प होने से परेशान होकर अपनी जान दे दी. मामले की सूचना पुलिस को दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवाया. शव का पोस्टमार्टम करवा पुलिस ने उसे पुलिस को सौंप दिया.
धंधा चौपट होने से था परेशान
शैलेंद्र राजपाल नाम के दुकानदार की करनाल के कर्ण गेट पर लहंगे-सूट की दुकान थी. लॉक डाउन में शादियां हो नहीं रही थी, काम धंधा बन्द था जिसके चलते वो काफी समय से परेशान था. शनिवार रात अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
पिता की मौत के बाद बेटों ने किया नेक काम
शैलेंद्र के 2 बेटे हैं जिन्होंने पिता की मौत के बाद एक नेक काम किया, अपने पिता की आंखें दान कर दी. पुलिस का कहना है कि फिलहाल लॉकडाउन के चलते लोगों को काफी परेशानियां तो हुई क्योंकि लोगों के काम काज पर प्रभाव पड़ा है. अभी भी जिंदगी ने रफ्तार नहीं पकड़ी जिसका असर बाजार पड़ा है. काम-धंधे में नुकसान और मानसिक परेशानी से कई लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं, जो सही नहीं है. इस मुश्किल वक्त का मिलकर सामना करना होगा. कोरोना के साथ जंग के साथ हमें अपनी जिंदगी की जंग भी जीतनी है.