जम्मू-कश्मीर के इकलौते कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या के विरोध में अभिनेत्री कंगना रनोट ने कार्ड अभियान छेड़ दिया है। बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें कंगना ने इस हत्याकांड पर तथाकथित बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर नाराजगी जताते हुए, उन्हें निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इन्हें मानवता तभी नजर आती है, जब किसी घटना के पीछे जेहादी एजेंडा छुपा हो, वर्ना इनके मुंह से चूं तक नहीं निकलती।
कंगना की टीम ने अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘कंगना रनोट ने बॉलीवुड की चुनिंदा धर्मनिरपेक्षता और तथाकथित उदारवादियों को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीरी पंडितों पर किए गए अत्याचारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और अपनी मातृभूमि में उनकी सुरक्षित वापसी कराने का आग्रह किया है। #अजयपंडिता #जस्टिसफोरअजयपंडिता’
वीडियो में कंगना जिस कार्ड को पकड़े दिखीं, उस पर लिखा था, ‘मैं हिंदुस्तान हूं, मैं शर्मिंदा हूं, #जस्टिसफोरअजयपंडित जिन्हें जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मार दिया गया।’
जेहादी एजेंडा होने पर ही सामने आते हैं कुछ लोग
अपने वीडियो में कंगना कहती हैं, ‘इस तरह का प्रचार हम अक्सर देखते आएं हैं। जो भी हमारी फिल्म इंडस्ट्री के होनहार कलाकार हैं, या जो इस देश में खुद को बुद्धिजीवी कहते हैं, अक्सर इस तरह के कार्ड्स लेके, हाथों में मोमबत्तियां लेके, पत्थर लेके, पेट्रोल बम्बस लेकर सड़कों पे निकल जाते हैं, देश को जलाने के लिए या किसी मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय बनाने के लिए। मगर उनकी ये मानवता तभी फूट पड़ती है, जब इसके पीछे कोई जेहादी एजेंडा हो। मगर किसी और को इंसाफ दिलाना हो तो उनके मुंह से चूं तक नहीं होती है।’
सेक्युलरिज्म की खाल में छुपते हैं ऐसे लोग
आगे कंगना ने कहा, ‘जिस तरह से भेड़िया भेड़ की खाल में छुपा होता है, उस तरह से जेहादी एजेंडा वाले लोग सेक्युलरिज्म की खाल में छुपे हुए हैं। हिंदुओं को ये सेक्यूलरिज्म सिखाते हैं, मतलब रिवर्स साइक्लोजी की भी हद होती है। जो रिलिजन ना कि हमें सिर्फ मानव से प्रेम करना सिखाता है, बल्कि हर धर्म का सम्मान करना सिखाता है। जीव-जंतु, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, ग्रह, ब्रह्मांड, वायु मंडल हर चीज की हमें पूजा करना सिखाता है, उन्हें सेक्युलरिज्म सिखाते हैं।’
कश्मीर में व्यापारी के रूप में आया था शाहमीर
आगे वे बोलीं, ‘कश्मीर में ये जो अजय पंडित जी के साथ हुआ। वहां जो पंडितों की जो दुर्दशा है, कश्मीर में इस्लाम आया कैसे, बहुत अच्छी पुस्तकें भी लिखी गई हैं, आप देख सकते हैं इंटरनेट पर भी। शाहमीर नाम का एक व्यापारी हुआ करता था। मैं संक्षिप्त में आपको बताऊंगी। तो वहां का जो राजा था सुखदेव उसके वहां पर उसने शरण ली हुई थी, उसके जो पूर्वज थे वो हिंदू ही थे, वो कन्वर्ट हुए थे और किस तरह से फिर उसने सत्ता बदली और जैसे भी है वहां शाहमीर डायनेस्टी है वो सबसे लंबे समय तक राज करने वाली डायनेस्टी है।’
अजय पंडित का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद वहां हिंदुओं की संख्या लगातार कम होती गई। 600-700 सालों में अब नाममात्र रह गई है। उनको भी मार काट के भगा रहे हैं। हर दिन वहां खून की नदियां बहती हैं। तो ये सत्य है, और इतिहास इस बात का गवाह है कि जहां हिंदू नहीं हैं वहां सेक्यूलरिज्म भी नहीं हैं। तो मैं माननीय प्रधानमंत्री जी से ये निवेदन करती हूं कि पंडितों को कश्मीर वापस भेजा जाए और उन्हें उनकी जमीन दी जाए और वहां पर हिंदुइज्म की फिर से स्थापना की जाए। और अजय पंडित जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।’