कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी 1400 श्रमिकों व 127 बच्चों को मंगलवार शाम 4.25 बजे ट्रेन से मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के लिए रवाना किया। ट्रेन में जींद जिले से 224, रोहतक से 795, फतेहाबाद से 70, दादरी से 86, नूंह से 78 व सिरसा से 274 श्रमिकों व बच्चों को रेलवे स्टेशन पर पहुंचाया गया। चरखीदादरी से श्रमिकों को लेकर आ रही बस रास्ते में खराब होने के कारण लेट हो गई। इस कारण ट्रेन को 25 मिनट की देरी से रवाना किया। रेलवे स्टेशन पर पहुंचे सभी श्रमिकों को सामाजिक दूरी के हिसाब से सर्कल लगाकर लाइन में रेलवे स्टेशन में प्रवेश कराया। सभी को पैकिंग में खाना व पानी की बोतलें दी गई। साथ ही सभी को सेनिटाइजर व मास्क भी दिए। जाने से पहले सभी की प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग भी की गई। इस दौरान बुखार से ग्रस्त मजदूरों व कामगारों को अलग-अलग किया जा रहा था। ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा न रहे। हेडक्वार्टर डीएसपी गोरखपाल राणा ने रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान एसडीएम राकेश कुमार सैनी, रेलवे के सीनियर डीसीएम फ्लाइट संदीप गहलोत, भू-जल वैज्ञानिक दलवीर राणा, रोहतक के तहसीलदार राजेश कुमार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल सहित प्रशासन व रेलवे के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सोशल डिस्टेंसिंग भी टूटी
रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों की संख्या ज्यादा होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग भी बुल गए। चरखीदादरी से आने वाली बस देरी से आने के कारण श्रमिक बस से उतरते ही दौड़ पड़े। ऐसे में उनका सोशल डिस्टेंसिंग की ओर कोई ध्यान नहीं रहा। हालांकि पुलिस व्यवस्था बनाने के प्रयास में लगी रही