चंडीगढ़ स्वाथ्य विभाग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने हाल ही में तैयार की गई एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि शहर में बिक रहे खुले दूध में 40 फीसद तक पानी की मिलावट हो रही है। यानी चंडीगढ़ में बिकने वाले खुले दूध में लोगों को पानी पिलाया जा रहा है। जोकि बिल्कुल भी पौष्टिक नहीं है।
यह बात फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के इंचार्ज सुखविंदर सिंह ने बताई। सुखविंदर ने बताया कि हाल ही में जो खुले दूध के सैंपल लिए गए थे। उनमें कई अस्वास्थ्यकर पाए गए। खुले दूध में 40 फीसद पानी के अलावा कई सैंपल में केमिकल, पेस्टिसाइड और अन्य केमिकल पाए गए। जोकि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हैं।
केवल पैकेट वाला दूध ही फायदेमंद
स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के इंचार्ज सुखविंदर सिंह ने बताया कि जब खुले दूध में विभाग को जांच करने पर 40 फीसद तक पानी की मिलावट पकड़ी गई। तब जनवरी 2020 में अभी तक 130 पैकेट वाले दूध के सैंपल चेक करने के लिए गए। इस जांच रिपोर्ट में यह सामने आया कि शहर में जो दूध विक्रेता खुला दूध बेच रहे हैं उनमें 40 फीसद तक पानी की मिलावट हैं। जबकि पैकेट वाले दूध में कोई भी मिलवाट नहीं मिली। यहां तक की पैकेट वाले दूध में पर्याप्त मात्रा में फैट, एसएनएफ कंटेंट्स, प्रोटीन और मिनरल्स पाए गए। एक व्यक्ति को दूध पीने पर उसके शरीर को जो पौष्टिक आहार मिलना चाहिए। वह पैकेट वाले दूध में पाया गया।
20 रुपये में चेक करवा सकते हैं दूध का सैंपल
फूड सेफ्टी इंचार्ज सुखविंदर सिंह ने बताया कि कोई भी व्यक्ति मात्र 20 रुपये देकर अपने घर आने वाले खुद दूध की जांच करा सकता है। 20 रुपये देकर मात्र 37 सेकेंड में दूध की जांच रिपोर्ट आ जाएगी। यह पता लगाया जा सकता है कि दूध में पौष्टिक आहार है या सिर्फ पानी की मिलावट है।
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से शहर में हर रोज अलग-अलग जगह पर फूड सैंपल चे¨कग वैन जाती है। जहां लोग अपने घर में आ रहे खाद्य पदार्थ जैसे दूध, हल्दी, पनीर, घी, मिर्च, दही आदि की जांच करा सकते हैं। मशीन मात्र 37 सेकेंड से लेकर एक मिनट के अंदर उस खाद्य पदार्थ की जांच रिपोर्ट सौंप देगी।