फरीदाबाद : सूरजकुंड मेले की मुख्य चौपाल पर हिमाचल के नाटी नृत्य में महिलाओं को प्रस्तुति देते हुए देख कर आपको खुशी का अहसास होगा। नाटी हिमाचल की समृद्ध नृत्य परंपरा है, जो मेलों तथा त्योहारों पर किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय नृत्य है। नाटी नृत्य हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, सिरमौर तथा शिमला में किया जाता है। नाटी में आमतौर पर ढोलक, बांसुरी, शहनाई एवं नगाड़े का प्रयोग किया जाता है।
34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में इस बार 1 से 16 फरवरी तक हिमाचल के लोक कलाकारों के 6 समूह होंगे। करीब 80 कलाकार रोजाना मेले की मुख्य चौपाल पर अपनी प्रस्तुति से सांस्कृतिक परिवेश का अहसास कराएंगे। इस दौरान नाटी लोक नृत्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। इस नृत्य में महिलाएं घर-आंगन में लिपाई कर नृत्य करते हुए खुशी का इजहार करती हैं।
सोमवार को सूरजकुंड मेले की तैयारियों का जायजा लेने को हिमाचल पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमन तथा निदेशक यूनुस भी मौजूद थे। मुख्य चौपाल पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई। हिमाचल के कई लोक नृत्य विश्व प्रसिद्ध हैं। इनमें नाटी और झमाकड़ा भी बेहद लोकप्रिय है। हिमाचल के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन तो करेंगे ही साथ ही समृद्ध लोक परंपराओं के बारे में भी पर्यटकों को बहुत कुछ देखने को मिलेगा।